Nov 24, 2024
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घर के आंगन में खेल रहे छह साल के बच्चे को उठा ले गया तेंदुआ

घर के आंगन में खेल रहे छह साल के बच्चे को उठा ले गया तेंदुआ, क्षत-विक्षत मिला शव, खौफ़ में है लोग

देशआदेश

 

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के आनी उपमंडल की बखनाओं पंचायत के काथला गांव में सोमवार शाम 8:00 बजे आंगन में खेल रहे छह साल के बच्चे को तेंदुआ उठाकर ले गया।

सूचना मिलते ही पहुंची वन विभाग, पुलिस, परिवार वालों और आसपास के लोगों ने तुरंत बच्चे की तलाश की, लेकिन कुछ पता नहीं चला।

इसके बाद मंगलवार सुबह फिर तलाश की तो घर से करीब 600 मीटर दूरी पर क्षत-विक्षत हालत में बच्चे का शव मिला।

 

जानकारी के अनुसार सोमवार शाम देवेंद्र कुमार और उनकी पत्नी रसोईघर में खाना बना रहे थे और उनकी बेटी और बेटा आंगन में खेल रहे थे। मां ने दोनों को खाना खाने के लिए आवाज लगाई। बेटी तो रसोईघर में पंहुच गई, लेकिन बेटा नहीं पहुंचा।

बाहर बच्चे के चिल्लाने और तेंदुए के गुर्राने की आवाज आई। उसी समय मां बाहर निकली तो देखा कि बेटा बाहर नहीं है, जबकि बेटे को पहनाया गया पाजामा आंगन में पड़ा था।

 

आगे जाकर देखा तो घर से करीब 150 मीटर की दूरी पर कुछ खून के धब्बे पड़े थे। परिवार और आसपास के लोग बच्चे की तलाश करने लगे, लेकिन सफलता नहीं मिली।

मंगलवार सुबह फिर परिजनों के साथ वन विभाग, पुलिस और स्थानीय लोगों ने दोबारा तलाश की तो घर से 600 मीटर की दूरी पर बच्चे की क्षत-विक्षत शव मिला।

घटना के बाद से लोगों में दहशत का माहौल है। एसडीएम आनी नरेश वर्मा का कहना है कि वन विभाग को क्षेत्र में ऐसी जगह पर पिंजरे लगाने के निर्देश दिए जाएंगे। वनों में गश्त बढ़ाने के लिए भी कहा जाएगा, ताकि इस तरह की घटना दोबारा न हो।

डीएफओ लूहरी चमन लाल राव ने बताया कि परिजनों को मौके पर फौरी राहत के तौर पर 50 हजार रुपये दिए गए हैं। कहा कि तेंदुए के हमले की सूचना मिलते ही तुरंत वन विभाग के बचाव दल को मौके पर भेजा गया।

 

मासूम बेटे के खोने से मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल, खो रहे सुध-बुध

 

उपमंडल आनी की बखनाओ पंचायत के काथला गांव में मासूम रोणित को तेंदुए की ओर से मौत के घाट उतारने के बाद मां-बाप का रो रोकर बुरा हाल है।  उसके पिता देतेंद्र कुमार और मां अपने जिगर के टुकड़े के खोने से बेसुध हैं।

सोमवार रात करीब आठ बजे देतेंद्र कुमार की पत्नी ने जब अपने बेटे और बेटी को खाना खाने के लिए बुलाया तो आदमखोर तेंदुआ उनके छह वर्षीय बेटे पर झपट पड़ा। तेंदुआ रोणित को उठाकर जंगल ले गया। तेंदुए ने मासूम के शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर उसे मौत के घाट उतार दिया।

अभागे मां बाप अपने बच्चों के लिए खाना बनाकर उन्हें अपनी आंखों के सामने खिलाना चाहते थे लेकिन तेंदुए ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया।

घटना के बाद मासूम के मां-बाप और बहन और एक भाई का रो-रोकर बुरा हाल है। सोमवार रात आठ बजे जैसे ही रोणित को तेंदुआ उठाकर ले गया, वैसे ही काथला गांव के ग्रामीण एकत्रित होकर जंगल की ओर निकल पड़े।

घर से करीब 150 मीटर की दूरी पर उन्हें खून के कुछ धब्बे मिले। फिर ग्रामीणों ने आठ से दस आदमियों के दल बनाकर जंगल में जगह-जगह रोणित को ढूंढने के लिए भेजे, पर सफलता नहीं मिल पाई।

थके हारे ग्रामीणों ने आशा नहीं छोड़ी और रात खुलने के बाद मंगलवार को भी अभियान जारी रखा। दोपहर करीब 11 बजे घर से लगभग 600 मीटर की दूरी पर जंगल में छह वर्षीय रोणित के शरीर के टुकड़े क्षत-विक्षत हालत में मिले। इसे देखकर ग्रामीणों के हाथ पांव फूल गए।

तेंदुए को पकड़ा या मार दिया जाए : ग्रामीण
दलाश क्षेत्र में हर वर्ष जंगली जानवर बच्चों को अपना शिकार बना रहे हैं, जिसके चलते अब तक कई घरों के चिराग बुझ गए हैं। कुछ वर्ष पूर्व दलाश के गाड गांव में भालू ने दो सगे भाई बहन को अपना शिकार बनाया था।

बीते वर्ष शिल्ली पंचायत के सुमा गांव में भी एक तेंदुआ एक बच्ची को उठा ले गया था। इन घटनाओं से क्षेत्र में भय का माहौल बना हुआ है।

ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि इस आदमखोर तेंदुए को जल्द पकड़ा जाए या फिर उसे मौत के घाट उतारा जाए, ताकि कोई दूसरी ऐसी घटना पेश न आए।