प्रदेश में पांच दिन मौसम खराब रहने के आसार
मिड डे मील में बने व्यंजनों में शामिल होगा मोटा अनाज
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देशआदेश
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में इस साल करीब 4500 हेक्टेयर क्षेत्र में पोषक अनाजों के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत किसानों को 35,000 मिनी किट निशुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे।
प्रदेश में परंपरागत कृषि विकास योजना, आत्मा, भारतीय प्राकृतिक किसान पद्धति व राष्ट्रीय सतत खेती मिशन के तहत संगठित किसान समूहों को इस कार्यक्रम के तहत कवर किया जाएगा।
प्रदेश में इन फसलों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को तकनीक के माध्यम से जागरूक करने के साथ इन्हें उपयुक्त बाजार भी उपलब्ध करवाया जाएगा।
मोटे अनाज का उत्पादन करने के लिए किसानों को 80 प्रतिशत उपदान पर बीज उपलब्ध करवाए जाएंगे। पौष्टिक अनाज की महत्ता को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष, 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया है।
हिमाचल प्रदेश के लगभग सभी जिलों में पोषणयुक्त मोटे अनाज की खेती की जाती है। कोदा, चोलाई, सांवा और कांगणी प्रदेश में पाए जाने वाले मुख्य पोषक अनाज हैं।
मिड डे मील में बने व्यंजनों में शामिल होगा मोटा अनाज
सरकार मोटे अनाज के बढ़ते उत्पादन के साथ स्कूली विद्यार्थियों को इनसे बने व्यंजनों को मिड-डे मील में शामिल करने पर विचार कर रही है।
राज्य सरकार की ओर से प्रदेश की जलवायु के अनुकूल पोषक अनाजों की जिलावार पहचान कर वैज्ञानिक नामों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा। इसके साथ विभिन्न पोषक अनाज पैदा करने वाले प्रमुख इलाकों और क्लस्टर की पहचान की जाएगी।
पारंपरिक मोटे अनाज की खेती कर मंडी जिला के जागरूक किसान नेकराम शर्मा ने देशभर में अलग पहचान बनाई है। उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है।