Sep 8, 2024
HIMACHAL

8.51 प्रतिशत ब्याज पर महिलाओं को ऋण देगा राज्य सहकारी बैक

Himachal: 8.51 प्रतिशत ब्याज पर महिलाओं को ऋण देगा राज्य सहकारी बैक, सीएम सुक्खू ने किया योजना का शुभारंभ

देश के संस्थानों में पढ़ने वालों को 30 लाख और विदेश में पढ़ने पर 40 लाख रुपये तक मिलेगा ऋण 

 

 

 

देशआदेश

 

राज्य सहकारी बैंक हिमाचल प्रदेश की स्थायी निवासी महिलाओं को अपने उद्यम स्थापित करने, आजीविका गतिविधियों को आरंभ करने, रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने तथा अपने परिवारों के उत्थान के लिए 8.51 प्रतिशत की ब्याज दर पर उपभोग्य सुरक्षा (कोलेटरल) मुक्त ऋण प्रदान करेगा।

 

गुरुवार को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बैंक की सशक्त महिला ऋण योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इस पहल के लिए बैंक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह ऋण सुविधा प्रदान कर बैंक ने प्रदेश की महिलाओं को सशक्त करने तथा उन्हें कठिन समय में पुनर्भुगतान न कर पाने की स्थिति में अपनी संपत्ति खोने के डर से मुक्त किया है।

 

उन्होंने कहा कि उपभोग्य सुरक्षा मुक्त ऋण इस योजना की अनूठी विशेषता है। ऋण के लिए आवेदन करने वाली पात्र महिलाओं को ऋण राशि के विरूद्ध जमानत के रूप में कोई संपत्ति या उपभोग्य सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता नहीं है। उपभोग्य सुरक्षा की शर्त हटाने से महिलाओं विशेषकर जिनके पास ऋण लेने के लिए जमानत के रूप में मूल्यवान संपत्ति नहीं होती है, उनकी मुख्य बाधा दूर होगी।

सुक्खू ने कहा कि महिलाओं को स्वरोजगार और आजीविका गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर यह योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में योगदान देगी और उन्हें वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनने और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक सिद्ध होगी।

 

उन्होंने कहा कि योजना के तहत बैंक 8.51 प्रतिशत की कम ब्याज दर पर 21,000, 51,000 तथा 1,01000 रुपये की ऋण सुविधा प्रदान करेगा। यह योजना पात्र महिलाओं को आसानी से ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार की गई है। योजना में मार्जिन मनी की आवश्यकता नहीं है और आवेदन प्रक्रिया भी सरल है। बैंक की इस नई पहल के माध्यम से ऋणी महिलाएं आत्मविश्वासी व आत्मनिर्भर बनेंगी और राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में सार्थक योगदान देंगी।

उन्होंने कहा कि यह योजना समय पर पुनर्भुगतान करने पर पुरस्कृत करने और ऋणी महिलाओं को समय पर ऋण राशि चुकाने के लिए प्रोत्साहित करने पर भी केंद्रित है। इस अवसर पर बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम, मुख्यमंत्री के ओएसडी रितेश कपरेट, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, बैंक के प्रबंध निदेशक श्रवण मांटा भी मौजूद रहे।

 

सहकारी बैंक ने 20 लाख रुपये बढ़ाया शिक्षा ऋण

 राज्य सहकारी बैंक ने शिक्षा योजना में ऋण सीमा को बीस लाख रुपये तक बढ़ा दिया है। अब देश के संस्थानों से डिग्री-डिप्लोमा करने पर 30 लाख और विदेश में पढ़ने पर 40 लाख रुपये तक ऋण मिलेगा। राजीव गांधी स्वरोजगार योजना को बैंक से संचालित करने का भी निदेशक मंडल ने फैसला लिया है। इस योजना में 60 लाख तक ऋण मिलेगा। 25 से 35 प्रतिशत तक निवेश उपदान की सुविधा भी मिलेगी।

सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम की अध्यक्षता में मुख्य कार्यालय शिमला में हुई निदेशक मंडल की बैठक में शिक्षा ऋण योजना में संशोधन करते हुए ऋण सीमा में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया गया है। अब इस योजना के तहत शिक्षारत युवाओं को देश में स्थापित मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों से डिप्लोमा/डिग्री के लिए अधिकतम 30 लाख तक का ऋण मिलेगा। पहले इस योजना में 10 लाख का ऋण दिया जाता था।
उधर, विदेशी शिक्षण संस्थानों से डिप्लोमा/डिग्री के लिए अधिकतम 40 लाख तक की ऋण सुविधा प्रदान करने को भी मंजूरी दी गई। पहले यह राशि 20 लाख रुपये थी। बैठक की जानकारी देते हुए बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम ने कहा कि बैंक का हमेशा प्रयास रहा है कि बैंक अपने ग्राहकों को नई-नई ऋण योजनाओं के माध्यम से उनकी आवश्यकताओं के अनुसार ऋण सुविधा प्रदान कर स्वरोजगार के अवसर प्रदान करे।

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से चलाई जा रही राजीव गांधी स्वरोजगार योजना को बैंक की ओर से संचालित करने के बारे में भी बोर्ड ने स्वीकृति प्रदान की है। इस योजना के माध्यम से बैंक एक करोड़ रुपये तक की ऋण योजनाओं के लिए नाबार्ड की ओर से तय सीमा शर्तों के मुताबिक अधिकतम 60 लाख तक की ऋण सुविधा प्रदान करेगा।

इस ऋण योजना में संभावित ऋण-धारकों को 25 प्रतिशत से लेकर 35 प्रतिशत तक की निवेश उपदान की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। साथ ही कुछ ऋण घटकों में ब्याज अनुदान भी उपलब्ध होगा। इस ऋण योजना के तहत प्रार्थी को ई-वाहन/ई-ट्र्क, ई-बस, ई-टैंपो ट्रैवलर के लिए 50 प्रतिशत निवेश उपदान के साथ दंत चिकित्सा सुविधा और मत्स्य कारोबार इत्यादि स्वरोजगार स्थापित करने के लिए ऋण सुविधा दी जाएगी।
उधर, विदेशी शिक्षण संस्थानों से डिप्लोमा/डिग्री के लिए अधिकतम 40 लाख तक की ऋण सुविधा प्रदान करने को भी मंजूरी दी गई। पहले यह राशि 20 लाख रुपये थी। बैठक की जानकारी देते हुए बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम ने कहा कि बैंक का हमेशा प्रयास रहा है कि बैंक अपने ग्राहकों को नई-नई ऋण योजनाओं के माध्यम से उनकी आवश्यकताओं के अनुसार ऋण सुविधा प्रदान कर स्वरोजगार के अवसर प्रदान करे।

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से चलाई जा रही राजीव गांधी स्वरोजगार योजना को बैंक की ओर से संचालित करने के बारे में भी बोर्ड ने स्वीकृति प्रदान की है।
इस योजना के माध्यम से बैंक एक करोड़ रुपये तक की ऋण योजनाओं के लिए नाबार्ड की ओर से तय सीमा शर्तों के मुताबिक अधिकतम 60 लाख तक की ऋण सुविधा प्रदान करेगा।

इस ऋण योजना में संभावित ऋण-धारकों को 25 प्रतिशत से लेकर 35 प्रतिशत तक की निवेश उपदान की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। साथ ही कुछ ऋण घटकों में ब्याज अनुदान भी उपलब्ध होगा। इस ऋण योजना के तहत प्रार्थी को ई-वाहन/ई-ट्र्क, ई-बस, ई-टैंपो ट्रैवलर के लिए 50 प्रतिशत निवेश उपदान के साथ दंत चिकित्सा सुविधा और मत्स्य कारोबार इत्यादि स्वरोजगार स्थापित करने के लिए ऋण सुविधा दी जाएगी।
साथ ही 5 प्रतिशत की दर से शुरुआती तीन साल तक ब्याज उपदान की सुविधा भी होगी, लेकिन यह सुविधा ई-वाहन ऋणों पर उपलब्ध नहीं होगी। बैठक में बैंक व्यवसाय व नीति निर्धारण से जुडे़ विभिन्न मामले निदेशक मंडल के समक्ष चर्चा व स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किए गए।

बैठक में निदेशक मंडल के सदस्यों में पीतांबर नेगी, राम सिंह चंब्याल, केशव नायक, भारत भूषण मोहिल, प्रियव्रत शर्मा, पवन चौहान, डॉ. जगदीश चंद्र शर्मा, सुनील शर्मा, हरिकृष्ण हिमराल, लाल सिंह कौशल, ललित ठाकुर, विक्रम नेगी, संजय चौहान, विजय ठाकुर, एलआर वर्मा, नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय के प्रभारी डॉ. अजय सूद और बैंक के प्रबंध निदेशक श्रवण मान्टा उपस्थित रहे।