Nov 21, 2024
CRIME/ACCIDENT

रत्ती राम ने खो दिए बड़ा बेटा, बहू, पोते, दामाद और नातिन, हादसे के बाद चिल्लाता रहा मदन

रत्ती राम ने खो दिए बड़ा बेटा, बहू, पोते, दामाद और नातिन, हादसे के बाद चिल्लाता रहा मदन

 

पांच जगह फटे बादल, 51 की मौत; 30 लोग मलबे में दबे-बहे, 621 सड़कें बंद

देशआदेश

 

हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले की ममलीग पंचायत के जड़ौण गांव में बादल फटने से रत्तीराम के बड़े बेटे-बहू, पोतों समेत दामाद और नातिनों की मलबे में दबने से मौत हो गई है। जबकि पिता, छोटा बेटा, उसका परिवार और बेटी सुरक्षित बच गए है।

 

बादल फटने से सिरीघाट-नेरी मार्ग से मलबा और पानी साथ लगते गांव जड़ौण के दो मकानों तक पहुंच गया। दोनों भवनों में एक परिवार के कुल 13 लोग थे। इन भवनों में रत्तीराम, उसके दो बेटे और बेटी का परिवार सो रहा था। जबकि रत्तीराम की पत्नी घर पर मौजूद नहीं थी, वह अपनी रिश्तेदारी में गई हुई थी।

 

पहले मकान में रत्तीराम का बड़ा बेटा, बहू और दो बच्चे सो रहे थे। इसी मकान के दूसरे कमरे में उसकी बेटी, दामाद और दो नातिन थे। जबकि रत्तीराम अपने छोटे बेटे मदन के साथ दूसरे मकान में सो रहा था। इसमें मदन की पत्नी और बच्चे भी थे। घर के साथ ही गोशाला भी थी, जिसमें बंधे मवेशी भी दब गए है।

देर रात जिस समय यह हादसा हुआ, उस समय रत्तीराम के छोटे बेटे मदन ने कुछ गिरने की आवाज सुनी तो वह एकदम से उठ गया। उसने अपने परिवार को उठाया और अपने बड़े भाई को उठाने के लिए भागा, लेकिन वहां पर उसके भाई का मकान ही नहीं दिखा, जोकि मलबे में दब गया था।

पिता का ध्यान आते ही वह उन्हें उठाने के लिए गया, जिनका कमरा इसके कमरे के साथ ही था। बचाव कार्य के लिए चिल्लाने लगा, लेकिन देर रात बारिश के बीच उसकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं था। जहां पर यह हादसा हुआ है, वहां सिर्फ दो ही भवन थे। जबकि अन्य लोगों के घर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर दूसरी तरफ हैं।
जवाब नहीं मिला तो तोड़ दिया पिता के कमरे का दरवाजा
पिता के कमरे का दरवाजा भी अंदर से बंद था, काफी आवाज लगाने के बाद जब कुछ जवाब नहीं मिला तो दरवाजा तोड़ा, पिता कमरे में मलबे की बीच फंसे हुए थे। पिता को मलबे से बाहर निकाला गया। इस बीच बड़े भाई के ढहे मकान से उसकी बहन की चिल्लाने की आवाज आई। बहन मलबे में दबी हुई थी।

बहन को बड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। जबकि बड़े भाई, भाभी, जीजा, भांजों समेत भतीजों को निकाल नहीं पाया। हादसे वाले क्षेत्र के लिए सभी रास्ते भी बंद थे। देर रात करीब 2:00 बजे जब साथ लगते दूसरे गांव में इसकी सूचना मिली तो लोग मौके पर पहुंचे। बचाव कार्य में जुट गए। सुबह करीब सात बजे तक मलबे में दबे सभी लोगों के शवों को बाहर निकाला गया।
हिमाचल प्रदेश में  72 घंटों से लगातार जारी भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। सावन के सोमवार को भारी बारिश के रेड अलर्ट के बीच राज्य में जगह-जगह बादल फटने और भूस्खलन से 51 लोगों की मौत गई। करीब 30 लोग मलबे में दबने और बहने से लापता हैं।
मंडी जिले में 18, राजधानी शिमला में 14, सोलन में 11, कांगड़ा-हमीरपुर में 3-3, चंबा और सिरमौर में 1-1 लोगों की जान गई है।
शिमला, सोलन, कांगड़ा में एक-एक और मंडी में दो जगह बादल फटे हैं। शिमला में 15, मंडी में 3, हमीरपुर में दो और सिरमौर में एक व्यक्ति लापता है। मंडी में छह लोग घायल हुए हैं।