बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय की बड़ी कार्रवाई, चार आरोपी गिरफ्तार
बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय की बड़ी कार्रवाई, चार आरोपी गिरफ्तार
न्यूज़ देशआदेश
हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित 250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारियां धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के प्रावधानों के तहत की गई हैं।
इनमें एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप के पार्टनर राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट पंडोगा के उपाध्यक्ष हितेश गांधी और प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा के तत्कालीन अधिकारी अरविंद राजटा शामिल हैं।
गिरफ्तार आरोपियों को विशेष न्यायालय पीएमएलए शिमला में पेश किया गया। न्यायालय ने चारों को पांच दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने सीबीआई शिमला की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है।
आरोप है कि राज्य शिक्षा विभाग, निजी संस्थान और बैंक अधिकारी करीब 250 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति निधि के वितरण में बड़े पैमाने पर गलत विनियोजन में शामिल थे।
हिमाचल, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के 24 स्थानों पर पड़े थे छापे
प्रवर्तन निदेशालय ने छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में 29 अगस्त को हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के 24 स्थानों पर इस मामले में छापे मारे थे। ईडी ने इन छापों के दौरान बैंक खातों में 2.55 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी जब्त की थी।
छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्त आरोपियों ने खोल दिए होटल और शराब के ठेके
मनी लांड्रिंग की आशंका के चलते वर्ष 2019 में ही मामला ईडी को भेजा गया था। सीबीआई की दबिश के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) छापे मार मार रहा है।
बीते मंगलवार को शिमला और मंडी में छापे के बाद टीम जरूरी दस्तावेज साथ ले गई है। छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में सीबीआई को मनी लॉन्ड्रिंग के मिले साक्ष्यों के आधार पर ईडी ने यह कार्रवाई अमल में लाई।
जांच के दायरे में चल रहे संस्थानों ने करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति हड़पकर उसे कहां निवेश किया, इस पहलू पर भी जांच चल रही है। ऐसे में यदि जांच में साक्ष्य मिलते हैं तो संबंधित संपत्तियों को ईडी अटैच करते हुए आगामी कार्रवाई अमल में लाएगी।