Sep 20, 2024
HIMACHAL

3300 पंचायतों में नहीं हुई ग्राम सभा, सरकार ने वार्ता के लिए बुलाए कर्मचारी

Himachal News: 3300 पंचायतों में नहीं हुई ग्राम सभा, सरकार ने वार्ता के लिए बुलाए कर्मचारी

15 दिन में फिर बुलाई जा सकती है ग्राम सभा

सिलाई अध्यापिकाओं पर था आयोजन का जिम्मा 

हिमाचल में सोमवार को जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों की हड़ताल और कोरम पूरा न होने की वजह से 3300 ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभा नहीं हो पाईं। 3615 में से करीब 315 में ग्राम सभाएं जरूर हुईं, लेकिन जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण यहां जरूरी काम नहीं हो पाए।

पंचायत सचिवों के उपस्थित न होने पर सिलाई अध्यापिकाओं की मौजूदगी में विशेष ग्राम सभा हुईं। इस कारण ग्राम सभा में न तो मनरेगा की शेल्फ पास हो पाई और न ही परिवार के अलग होने के मामले निपट पाए। यहां तक की पंचायतें लोगों को अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी नहीं कर पाईं।

 

विशेष ग्राम सभा में आपदा पर चर्चा होनी थी और कार्ययोजना बनाई जानी थी लेकिन अव्यवस्था के कारण इसको लेकर महज औपचारिकता ही हुई। सिलाई अध्यापिकाओं को पंचायत के काम की तकनीकी जानकारी न होने से जरूरी काम नहीं निपट पाए और लोग असंतुष्ट होकर लौटे। अब मंगलवार को सरकार ने हड़ताली कर्मियों को बातचीत के लिए बुलाया है।

हिमाचल प्रदेश में भारी आपदा के बाद यह पहली ग्राम सभा थी। इसमें प्रदेश भर में आपदा से हुए नुकसान के बारे में चर्चा होनी थी और ग्राम पंचायत स्तर पर आपदा प्रबंधन प्लान भी तैयार होना था। मनरेगा की अगली शेल्फ इसमें बननी थी। सरकार ने प्रभावित परिवारों को रिटेनिंग वाल के लिए एक-एक लाख रुपये मंजूर करवाने के निर्देश दिए हैं।

 

आपदा राहत के लिए सरकार ने विशेष पैकेज में 1,000 करोड़ का बजट अलग से तय किया है, जो मनरेगा के तहत खर्च किया जाना है, लेकिन ग्राम सभा न होने से इससे संबंधित काम भी लटक गए हैं।  मंगलवार को सचिवालय में पंचायतीराज मंत्री की अध्यक्षता में बैठक होगी। इसमें निदेशक पंचायती राज सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे।

जिला परिषद कैडर कर्मचारी संघ के सभी जिला अध्यक्ष बैठक में शिरकत करेंगे। कर्मचारी संघ के राज्य अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि पंचायती राज मंत्री के समक्ष अपनी मांगें रखी जाएंगी। बैठक के फैसलों के आधार पर हड़ताल को लेकर आगामी फैसला लिया जाएगा।

15 दिन में फिर बुलाई जा सकती है ग्राम सभा
ग्राम सभा की बैठक में कोरम पूरा न होने की स्थिति में नियमानुसार ग्राम पंचायत प्रधान अगली बैठक 15 दिन में बुला सकते हैं। इसे स्थगित ग्राम सभा कहा जाता है। जहां ग्राम सभा में कोरम पूरा होने के लिए ग्राम पंचायत के कुल परिवारों की संख्या के एक चौथाई यानी 25 फीसदी लोगों का होना जरूरी होता है,

वहीं, स्थगित ग्राम सभा में यह संख्या घट जाती है। यानी इसका पांचवां हिस्सा ही बुलाना अनिवार्य होता है। मौजूदा स्थिति में अब प्रधान खुद तय करेंगे कि उनकी ग्राम पंचायत में अगली स्थगित ग्राम सभा कब होगी।

सिलाई अध्यापिकाओं पर था आयोजन का जिम्मा 
मांगों को सरकार के समक्ष रखने के दूसरे तरीके भी हैं। हड़ताल कर काम प्रभावित करना गलत है। राज्य सरकार के कर्मी हों या जिला परिषद के सभी पर सरकार के नियम लागू होते हैं। सरकार की ग्रांट से ही जिला परिषद कर्मियों को वेतन मिलता है। जिला परिषद कैडर कर्मियों की मांगों पर चर्चा की जा सकती है।  – रुगवेद मिलिंद ठाकुर, निदेशक, पंचायती राज विभाग