हिमाचल के 150 युवा किसान खेतीबाड़ी की आधुनिक तकनीक सीखने जाएंगे जापान
हिमाचल के 150 युवा जापान में सीखेंगे खेती की नई तकनीक
हिमाचल प्रदेश के डेढ़ सौ युवा किसान खेतीबाड़ी की आधुनिक तकनीक सीखने जापान जाएंगे। हर साल अलग-अलग बैच में युवा जापान जाकर आधुनिक कृषि का प्रशिक्षण लेंगे।
जापान सरकार की एजेंसी जाइका से इस विदेश दौरे का वित्त पोषण होगा। जाइका के परियोजना निदेशक डॉ. सुनील चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की ओर से राज्य के युवाओं को 600 करोड़ की स्टार्टअप योजना की तरह ही कृषि क्षेत्र से युवाओं को रोजगार देने की यह अनोखी और बड़ी पहल है।
जाइका एचपीसीडीपी में हिमाचल सरकार के मीडिया सलाहकार राजेश्वर ठाकुर ने बताया कि सीएम सुक्खू का प्रयास है कि राज्य के किसानों की न्यूनतम इतनी मासिक आय सुनिश्चित हो कि यह परिवार आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते चले जाएं।
हाल ही में शिमला में हुई हिमाचल कृषि विकास समिति की कार्यसमिति की बैठक में युवा किसानों का इस तरह का प्रशिक्षण देने का यह निर्णय हुआ है।
परियोजना के अध्यक्ष एवं कृषि सचिव डॉ. सी पाल रासु ने इस योजना को स्वीकृति दे दी है। इसके तहत उन युवाओं को जापान में आधुनिक कृषि का प्रशिक्षण देने के लिए भेजा जाएगा,
जो इस परियोजना के तहत चिह्नित सिंचाई योजनाओं के क्षेत्र विशेष से संबंध रखते हों और इनके माता-पिता इन क्षेत्रों के तहत आने वाले इलाके के स्थायी निवासी होते हुए प्रगतिशील कृषक हों।
यह युवा न्यूनतम दस जमा दो पढ़े हों और कृषि व्यवसाय में अपना करियर बनाने के इच्छुक हों।
2026 तक अलग-अलग बैच में करीब डेढ़ सौ युवाओं को सरकार जापान भेजेगी। इनका शुरुआती चयन परियोजना की ओर से तैयार किए गए मानकों पर राज्य कौशल विकास निगम की ओर से किया जाएगा।
चयन से पहले होगा स्क्रीनिंग टेस्ट, एग्रीकल्चर इंटर्न्स होगा नाम
चरणबद्ध तरीके से होने वाले इस चयन में शुरुआती चरण के चयन में इन युवाओं को कौशल विकास निगम छह माह का शुरुआती प्रशिक्षण राज्य में ही देगा। इसमें इन्हें जापान के आचार व्यवहार, कानून, संस्कति, भाषा आदि का पूर्ण ज्ञान निगम की ओर से दिया जाएगा।
छह माह का राज्य में सरकारी खर्च पर होने वाला प्रशिक्षण पूरा होने के बाद कौशल विकास निगम इन युवाओं का एक स्क्रीनिंग टेस्ट लेना, जिसमें पास होने के बाद इन्हें जापान भेज दिया जाएगा।
इनके वीजा और दूसरी औपचारिकताओं को कौशल विकास निगम की ओर से पूरा किया जाएगा। इन्हें एग्रीकल्चर इंटर्न्स का नाम दिया जाएगा।
जापान में हर माह एक लाख रुपये प्रशिक्षण भत्ते के तौर पर मिलेंगे
जापान पहुंचने के बाद वहां की सरकार में कृषि सहकारी संस्थाओं में इन युवाओं को कृषि के आधुनिकतम तौर तरीकों, विपणन आदि तक का पूरा प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जापान में प्रशिक्षण के दौरान इन्हें हर महीने एक लाख रुपये का वेतन भी प्रशिक्षण भत्ते के तौर पर मिल सकेगा।
इसके बाद अगर ये युवा जापान में ही वहां की तर्ज पर अपना कृषि आधारित व्यवसाय शुरू करके वहां की स्थायी नागरिकता लेकर रहना चाहें तो भी उनके लिए विकल्प खुले रहेंगे। 3 से 5 साल बाद जब यह वापस आएंगे तो ये अपना कृषि आधारित व्यवसाय शुरू कर सकेंगे।