शारदीय नवरात्रि: आज घट स्थापना के दो शुभ मुहूर्त, मां भगवती की पूजा में इन बातों का रखें ध्यान
न्यूज़ देश आदेश पांवटा साहिब
गुरुवार सात अक्तूबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्रों में घर-घर देवी भगवती का भव्य दरबार सजेगा। इस बार चतुर्थी और पंचमी तिथि एक साथ होने से शारदीय नवरात्रि आठ दिन के रहेंगे। नवरात्रि सात से शुरू होकर 14 अक्तूबर तक रहेंगे और 15 अक्तूबर को विजयदशमी यानी दशहरा पर्व मनाया जाएगा।
बुधवार को बाजारों में खूब चहल पहल रही। जगह-जगह पूजा की दुकानें सजी थी और श्रद्धालुओं ने जमकर खरीदारी की।
बता दें कि रविवार और सोमवार को प्रथम पूजा यानी कलश स्थापना होने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। शनिवार और मंगलवार को कलश स्थापना होने पर माता का वाहन घोड़ा होता है।
गुरुवार और शुक्रवार के दिन कलश स्थापना होने पर माता डोली पर चढ़कर आती हैं। बुधवार के दिन कलश स्थापना होने पर माता नाव पर सवार होकर आती हैं।
भारतीय प्राच्य विद्या सोसाइटी के पंडित प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि मां दुर्गा डोली पर सवार होकर आएंगी। मां का यह आगमन पूजा एवं आध्यात्मिक उन्नति के लिए शुभ है। नवरात्रि की शुरुआत चित्रा नक्षत्र में होने से साधना, साहस और संतोष प्राप्त होगा। नवरात्रि व्रत अनंत गुना फलदायी रहेगा। हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप का पूजन करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी। यश-वैभव, धन-संपदा आदि में तीव्रता से वृद्धि होगी।
नारायण ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य विकास जोशी के अनुसार नवरात्रि के प्रथम दिन सात अक्तूबर को घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06:17 मिनट से 07:07 मिनट तक रहेगा। इसके बाद मध्यान्ह काल में अभिजीत मुहूर्त 11:44 से 12:31 तक रहेगा। इन मुहूर्तों में की गई घट स्थापना शुभकारी और मंगलकारी रहेगी।
एक ही दिन में दो तिथियां पड़ने से इस बार शारदीय नवरात्रि आठ दिन तक चलेंगे। नौ अक्तूबर दिन शनिवार को तृतीया सुबह सात बजकर 48 मिनट तक रहेगी। इसके बाद चतुर्थी शुरू हो जाएगी, जो अगले दिन दस अक्तूबर दिन रविवार को सुबह 5 बजे तक रहेगी।
बाजार में अधिकांश दुकानें मां दुर्गा की मूर्तियों के अलावा नारियल, चुनरी, सिंदूर, धूपबत्ती, दीया, चुड़ियां, माला आदि सामान से सजी हैं। ज्वालापुर के बड़ा बाजार, कनखल के चौक बाजार व रानीपुर मोड़ पर बाजार में श्रद्धालु आस्था के साथ पूजन सामग्री की खरीदारी करने पहुंचे। उपवास रखने के लिए फलाहार व सूखी मेवा से लेकर रामदाना, साबूदाना, सिंघाड़ा व कुट्टू के आटे की खरीदारी भी की गई।
नवरात्रों के दिनों में किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। प्याज, लहसुन, अंडे और मांस-मदिरा आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। नाखून, बाल आदि नहीं काटने चाहिए। भूमि पर शयन करना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। किसी के प्रति द्वेष की भावना नहीं रखनी चाहिए।
नवरात्रों के दौरान सेहत के अनुसार ही व्रत रखें। इन दिनों में फल आदि का सेवन ज्यादा करें। रोजाना सुबह और शाम को मां दुर्गा का पाठ अवश्य करें।
Originally posted 2021-10-06 23:24:45.