हिमाचल से एनओसी नहीं मिलने पर सिंचाई विभाग ने अब सीडब्ल्यूसी को भेजी रिपोर्ट
हिमाचल से एनओसी नहीं मिलने पर सिंचाई विभाग ने अब सीडब्ल्यूसी को भेजी रिपोर्ट
हथिनीकुंड बैराज से हिमाचल की सीमा तक बनने वाला डैम हरियाणा सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका छह हजार करोड़ की लागत से निर्माण होना है। दरअसल, यह डैम हरियाणा की सीमा में ही बनना है, किंतु रिजर्व वायर का कुछ हिस्सा हिमाचल के पांवटा साहिब तक जाएगा, ऐसे में हिमाचल से पर्यावरण मंजूरी (एनओसी) जरूरी है, लेकिन हिमाचल सरकार की ओर से इसमें रुचि नहीं दिखाई जा रही है। ऐसे में अब हरियाणा सिंचाई विभाग की ओर से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट दिल्ली सीडब्ल्यूसी (सेंटर वाटर कमिश्नर) को भेजा गया है।
250 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन, कम होगा बाढ़ का खतरा
यमुना नदी पर बनने वाले इस डैम से जहां बाढ़ का खतरा कम हो जाएगा, वहीं इससे 250 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी होगा। वहीं बांध के पानी से सूखे की स्थिति में सवा लाख एकड़ भूमि की सिंचाई भी हो सकेगी।
———–
हरियाणा सरकार की यह महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिससे चार राज्यों को लाभ होगा। हिमाचल की तरफ से पर्यावरण मंजूरी नहीं मिलने पर हमने इसकी रिपोर्ट सीडब्ल्यूसी को समिट करा दी है। आगामी प्रक्रिया के तहत अब डीपीआर बनेगी। वहीं हिमाचल से एनओसी के जो इश्यू हैं, वह भी हल हो जाएंगे। डैम की परियोजना छह हजार करोड़ रुपये की है जो अब बढ़कर सात हजार करोड़ की हो सकती है।
-आरएस मित्तल, सुपरिटेंडिंग इंजीनियर, सिंचाई विभाग यमुनानगर।