हिमाचल में खनन पर लगेंगे अब तीन तरह के शुल्क, अधिसूचना लागू; रेत, बजरी हो सकती है महंगी
हिमाचल प्रदेश में अब खनन गतिविधियों पर तीन तरह के शुल्क लगाए जाएंगे। खनन पट्टों पर मिल्क सेस, इलेक्टि्रकल व्हीकल (ईवी) शुल्क और ऑनलाइन चार्ज लगेंगे।
राज्य सरकार ने इसके लिए हिमाचल प्रदेश गौण खनिज रियायत और खनिज अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण का निवारण नियमों में संशोधन किया है। इस संशोधन से संबंधित अधिसूचना शुक्रवार से लागू हो गई।
इन नियमों के तहत सरकार ने खनन पट्टों पर दो तरह के शुल्क और एक उपकर लगाने का फैसला लिया है। खनन पट्टों पर अब प्रति टन 5 रुपये ऑनलाइन शुल्क, 5 रुपये ईवी शुल्क के साथ दो रुपये मिल्क सेस यानी उपकर देना होगा।
इसके अलावा रॉयल्टी का 75 फीसदी प्रोसेसिंग शुल्क भी देय होगा। सरकारी भूमि की एवज में सर्फेस रेंट 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर तय हुआ है।
इसके लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2015 के नियमों को संशोधित कर नए नियम बनाए हैं। संशोधित नियमों की अधिसूचना जारी करने के बाद नए नियम शुक्रवार से लागू किए गए हैं।
प्रदेश के राजस्व में बढ़ोतरी और अवैध खनन पर रोक के लिए नई खनिज नीति में विभिन्न प्रावधान किए गए हैं।
खनन गतिविधियों में वैज्ञानिक तकनीक को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देने की भी व्यवस्था की बात की गई है।
अधिसूचना के अनुसार खनन पट्टे के नवीकरण की आवेदन फीस 25,000 रुपये तय की गई है। नदी तल में 10 हेक्टेयर तक मशीनों से खनन की फीस दो साल के लिए 50 लाख और नदी तल में मशीनों से खनन को दो साल के लिए धरोहर राशि 25 लाख रुपये तय की गई है।
पहाड़ी ढलान पर खनन की आवेदन फीस 5 हेक्टेयर तक 5 वर्ष के लिए 5 लाख रुपये और धरोहर राशि 2 लाख रुपये रखी गई है। यह 80 हॉर्स पावर के बैकहो मशीन के साथ 2 वर्ष तक 5 हेक्टेयर तक खनन के लिए आवेदन फीस 12 लाख, धरोहर राशि 2.50 लाख रुपये, खनन पट्टे के हस्तांतरण के लिए 5 हेक्टेयर तक 2.50 लाख और नीलामी के मामले में 5 हेक्टेयर तक 5 लाख रुपये तय की गई है।
अनुबंध के हस्तांतरण का शुल्क 5 हेक्टेयर तक एक लाख रुपये, खनन प्लान में बदलाव की फीस 25,000, अपील करने की फीस 5,000, स्टोन क्रशर के संयुक्त निरीक्षण की फीस 20,000 रुपये, स्टोन क्रशर के स्थायी पंजीकरण की फीस 25,000 रुपये, डीलर के तौर पर पंजीकरण की फीस 2.50 लाख रुपये और डीलर पंजीकरण की धरोहर राशि 2.50 लाख रुपये तय की गई है।
संजौली मस्जिद मामले की आयुक्त कोर्ट में सुनवाई आज, फैसले पर सबकी नजरें
राजधानी की संजौली मस्जिद में हुए कथित अवैध निर्माण के मामले की शनिवार को नगर निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई होगी। निगम के कनिष्ठ अभियंता मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर की गई पैमाइश की ताजा रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे।
इस पर वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी से जवाब तलब किया जा सकता है। 7 सितंबर को हुई सुनवाई में वक्फ बोर्ड ने मस्जिद के भीतर हुए अवैध निर्माण को लेकर नगर निगम के अभियंता से रिपोर्ट मांगी थी।
इनका कहना था कि निगम उन्हें बताए कि कुल कितना अवैध निर्माण हुआ है। इस पर आयुक्त ने कनिष्ठ अभियंता को ताजा रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे।
शनिवार को इस मामले पर फैसला आएगा या फिर वक्फ बोर्ड जवाब देने के लिए और समय मांगेगा, इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। आयुक्त कोर्ट की सुनवाई से पहले मस्जिद कमेटी ने खुद नगर निगम को एक लिखित आवेदन दिया है।
कमेटी का कहना है कि यदि आयुक्त कोर्ट से मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को गिराने के आदेश जारी होते हैं तो कमेटी खुद अवैध निर्माण गिराने को तैयार है।