राज्य में 40 फीसदी तक बढ़े फैटी लीवर के मामले
Health Alert: हिमाचल में 40 फीसदी तक बढ़े फैटी लीवर के मामले, जंक फूड व मसालेदार खाना बन रहा सबसे बड़ा कारण

प्रदेशभर में गलत खानपान से फैटी लीवर के मामले 40 फीसदी तक बढ़ गए हैं। अस्पतालों में पेट दर्द की समस्या लेकर पहुंचने वाले अधिकतर लोगों में फैटी लीवर की समस्या आई है। जंक फूड व मसालेदार खाना फैटी लीवर का सबसे बड़ा कारण बना है। इसमें बच्चे भी पीछे नहीं हैं। 10 साल के बच्चों में भी फैटी लीवर के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। छह माह तक अस्पताल में की गई स्क्रीनिंग में फैटी लीवर के मामले बढ़ने का खुलासा हुआ है। अब स्क्रीनिंग की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाएगी।


क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में पिछले काफी समय से फैटी लीवर के मामले बढ़ गए थे। इसे देखते हुए स्क्रीनिंग का कार्य शुरू किया। इसमें पाया कि अस्पताल में ऐसे 30 से 35 मामले रोजाना आ रहे हैं। इससे पहले 20 मामले ही आ रहे थे। लेकिन अचानक बढ़ने का कारण जानने के लिए अस्पतालों में स्क्रीनिंग हुई। वहीं, स्क्रीनिंग के दौरान ये भी पाया गया कि पित्ताशय की पत्थरी होने का बड़ा कारण भी फैटी लीवर है। अब इसकी डिटेल रिपोर्ट भेजी जा रही है।
पत्थरी का बन रहा कारण
चिकित्सकों का मानना है कि फैटी लीवर पत्थरी का बड़ा कारण बन रहा है। अस्पतालों में जब मरीजों में पत्थरी का पता लगता है तो इनसे पुरानी जानकारी ली जाती है। जानकारी लेने पर मरीज बनाते हैं कि उन्हें काफी समय पहले फैटी लीवर की समस्या थी। अधिकतर मरीजों में इसी कारण पित्ताशय में पत्थरी हो रही है। अस्पताल में रोजाना पित्ताशय की पत्थरी के भी रोजाना 30 मामले आ रहे हैं।
चिकित्सकों का मानना है कि फैटी लीवर पत्थरी का बड़ा कारण बन रहा है। अस्पतालों में जब मरीजों में पत्थरी का पता लगता है तो इनसे पुरानी जानकारी ली जाती है। जानकारी लेने पर मरीज बनाते हैं कि उन्हें काफी समय पहले फैटी लीवर की समस्या थी। अधिकतर मरीजों में इसी कारण पित्ताशय में पत्थरी हो रही है। अस्पताल में रोजाना पित्ताशय की पत्थरी के भी रोजाना 30 मामले आ रहे हैं।
लीवर में 10 फीसदी फेट होने से आती है दिक्कत
फैटी लीवर तब होता है जब यकृत में 10 फीसदी फैट हो जमा हो जाता है यानी लीवर की सभी कोशिकाओं में फैट भर जाता है। इसके तीन ग्रेड होते हैं। पहला ग्रेड 10 फीसदी से अधिक होता है। दूसरे ग्रेड में 33 फीसदी से अधिक और तीसरे ग्रेड में 66 फीसदी से अधिक कोशिकाएं वसायुक्त होती हैं। तीसरे ग्रेड तक पहुंचने से लीवर सिरोसिस या इसके फेल होने की आशंका बढ़ जाती है।
फैटी लीवर तब होता है जब यकृत में 10 फीसदी फैट हो जमा हो जाता है यानी लीवर की सभी कोशिकाओं में फैट भर जाता है। इसके तीन ग्रेड होते हैं। पहला ग्रेड 10 फीसदी से अधिक होता है। दूसरे ग्रेड में 33 फीसदी से अधिक और तीसरे ग्रेड में 66 फीसदी से अधिक कोशिकाएं वसायुक्त होती हैं। तीसरे ग्रेड तक पहुंचने से लीवर सिरोसिस या इसके फेल होने की आशंका बढ़ जाती है।
छह माह में लुप्त हो जाता है फैटी लीवर
सर्जन विशेषज्ञ डॉ. अंकित शर्मा ने बताया कि फैटी लीवर के मामले पिछले छह माह में काफी अधिक हो गए हैं। 40 फीसदी तक प्रदेश में फैटी लीवर के मामले बढ़े हैं। फैटी लीवर का कारण बच्चों में जंक फूड और मसालेदार खाना है। जबकि अन्य में जंकफूड, मसालेदार खाना, अत्याधिक शराब का सेवन से हो सकता है। यदि इन सभी चीजों को छोड़ देते हैं तो छह माह में फैटी लीवर से छुटकारा मिल सकता है। अगर इसके विपरीत होता है तो लीवर फेल होने का बड़ा कारण भी बन सकता है।
सर्जन विशेषज्ञ डॉ. अंकित शर्मा ने बताया कि फैटी लीवर के मामले पिछले छह माह में काफी अधिक हो गए हैं। 40 फीसदी तक प्रदेश में फैटी लीवर के मामले बढ़े हैं। फैटी लीवर का कारण बच्चों में जंक फूड और मसालेदार खाना है। जबकि अन्य में जंकफूड, मसालेदार खाना, अत्याधिक शराब का सेवन से हो सकता है। यदि इन सभी चीजों को छोड़ देते हैं तो छह माह में फैटी लीवर से छुटकारा मिल सकता है। अगर इसके विपरीत होता है तो लीवर फेल होने का बड़ा कारण भी बन सकता है।