गर्भवती महिलाएं निशुल्क अल्ट्रासाउंड सुविधा से फिर वंचित
गर्भवती महिलाएं निशुल्क अल्ट्रासाउंड सुविधा से फिर वंचित
रेडियोलॉजिस्ट प्रतिनियुक्ति पर भेजने की व्यवस्था असफल, महंगे दामों पर कराने पड़ रहे टेस्ट
देश आदेश
पांवटा साहिब । गर्भवती महिलाएं एक बार फिर निशुल्क अल्ट्रासाउंड की सुविधा से वंचित हो गईं हैं। लिहाजा, महिलाओं को महंगे दामों पर टेस्ट कराने पड़ रहे हैं
दरअसल, सिविल अस्पताल पांवटा और साईं अस्पताल बद्रीपुर के साथ प्रबंधन का एमओयू साइन हुआ था। इसके तहत गर्भवती महिलाओं के निशुल्क टेस्ट होते रहे लेकिन निजी अस्पताल में तैनात रेडियोलॉजिस्ट के यहां से जाने के बाद महिलाएं इस सुविधा से वंचित रह गई हैं। निजी अस्पतालों में महिलाओं को 700 रुपये अल्ट्रासाउंड टेस्ट पर खर्च करने पड़ रहे हैं।
बता दें कि सिविल अस्पताल पांवटा में करीब छह वर्षों से अल्ट्रासाउंड मशीन कक्ष में ताले लगे हैं। यहां से डॉ. डीडी शर्मा( रेडियोलॉजिस्ट) के पदोन्नत होने पर स्थानांतरण के बाद यहां पद रिक्त है। बीते साल 20 से 30 दिसंबर तक व्यवस्था परिवर्तन मंच पांवटा साहिब के संयोजक सुनील चौधरी ने रेडियोलॉजिस्ट पद भरने की मांग को लेकर 11 दिन तक अस्पताल गेट के बाहर धरना प्रदर्शन किया था।
इसके बाद ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने राजगढ़ अस्पताल से सप्ताह में कुछ दिन रेडियोलॉजिस्ट प्रतिनियुक्ति पर भेजने की व्यवस्था की, जहां से कुछ दिन बाद ही चिकित्सक का स्थानांतरित हो गया। फिर अस्पताल प्रबंधन ने बद्रीपुर स्थित साईं अस्पताल से 200 रुपये में अल्ट्रासाउंड टेस्ट करवाने को लेकर एमओयू साइन किया।
अस्पताल प्रबंधन आरकेएस से ये राशि निजी अस्पताल को देता। गर्भवती महिलाओं का निशुल्क टेस्ट की सुविधा मिलने लगी थी। इस बीच साईं अस्पताल से भी चिकित्सक नौकरी छोड़ कर चला गया। अब गर्भवती महिलाओं की परेशानी बढ़ गई है।
सिविल अस्पताल पांवटा प्रभारी डॉ. अमिताभ जैन ने कहा कि साईं अस्पताल के साथ एमओयू साइन है। निजी अस्पताल प्रबंधन को शीघ्र विशेषज्ञ चिकित्सक नियुक्त करने का आग्रह किया गया है ताकि गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिल सके।