Nov 24, 2024
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कुछ लोग अपनी दुकान बंद होने के भय से समाज में फैला रहे गलत भ्रांतियां, जबकि हाटी की मंशा समान हक्क :चौहान

कुछ लोग अपनी दुकान बंद होने के भय से समाज में फैला रहे गलत भ्रांतियां, जबकि हाटी की मंशा समान हक्क :चौहान

पांवटा विश्रामगृह में हाटी समाज इकाई की पत्रकार वार्ता, खूब चले शब्द बाण, अपना हक्क ले कर रहेंगे

देशआदेश

पांवटा विश्रामगृह में हाटी समाज इकाई की पत्रकार वार्ता हुई। जिसमें हाटी इकाई के अध्यक्ष ओपी चौहान समेत इकाई सदस्यों ने पत्रकारवार्ता करते हुए कहा कि गिरिपार क्षेत्र की 154 पंचायतों की जनजातीय दर्जा मिलने की मांग लगभग-लगभग पूरी होती नजर आ रही है।

गिरिपार की 14 जाति-उपजाति के करीब 3 लाख लोगों का संघर्ष अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है केवल चंद औपचारिकताएं शेष रह गई। लेकिन इस बीच कुछ लोगों की दुकाने बंद होती दिख रही है।

बता दूं कि गिरिपार क्षेत्र के 14 जातियों में से एक जाति ऐसी भी है जिस के लोगों के पेट मे अब पीड़ा होना शुरू हो गया है। और वह लोग गांव के भोले भाले लोगों में गलत संदेश पहुंचाकर भ्रांतियां फैलाई जा रही है।

हक़ीक़त यह है कि इन भ्रांतियां फैलाने वाले केवल एक जाति के चंद लोग है, जो ग्रामीण क्षेत्र में स्वर्ण समाज पर जातिसूचक का मामला दर्ज करवाकर खुद बड़े शहरों में रहकर अपना पेट पाल रहे। हाटी समाज ने इसकी पड़ताल व सच्चाई जानी तो पुलिस थाना पांवटा, पुरुवाला, शिलाई, संगडाह, राजगढ़ व रेणुकाजी में जातिसूचक के जितने भी केसेस दर्ज हुए थे, उनमें 78 फीसदी केसेस झूठे निकले

इस प्रकार के आरोप व मामले थोपने के पीछे भी जो बजह है वह प्रति केस 60 हजार रुपए की कंप्यूनसेशन मिलती है, जिसके दम पर कईयों की दुकानें चल रही थी। इसलिए वह लोग चाह कर भी नहीं चाहते कि गिरिपार क्षेत्र के लोगों को अनुसूचित जनजातीय का दर्जा प्राप्त हो।

लेकिन इतनी गलत अफवाहें फैलाएं जाने के बाद भी हम उस जाति के लोगों के साथ है। हाटी कभी भी किसी के न तो खिलाफ और न ही किसी का हक्क मारती है। हाटी सिर्फ अपना हक्क मांगते है।

ओपी चौहान ने कहा कि चंद भ्रान्तिकारो को यह नहीं भूलना चाहिए कि दलित वर्ग में 17 विधायक-सांसद किस जाति वर्ग से है। साथ ही उन्होंने कहा कि जो माहौल बिगाड़ने व उकसावे की राजनीति करते है उन्हें खुद भी नियम कानून पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। एक उंगली किसी ओर पर हो तो शेष तीन खुद की ओर भी होती है। इससे पहले महासचिव गुमान सिंह वर्मा, रणसिंह, शिवानंद शर्मा, जयपाल ठाकुर, लायक़ सिंह आदि ने अलग-अलग विषय पर अपने-अपने विचार सांझा किये।