हाटी समुदाय को राष्ट्रपति का तोहफा, जनजातियों की सूची में शामिल, मिलेंगे ये फायदे
गिरिपार के हाटी समुदाय के जनजाति दर्जे पर राष्ट्रपति ने अपनी मुहर लगा दी है। 154 पंचायतों के दो लाख लोगों को सांविधानिक अधिकार मिला है। ये समुदाय बीते साढ़े पांच दशक से लंबा इंतजार कर रहा था। राष्ट्रपति की मंजूरी पर बार एसोसिएशन ने पांवटा इकाई अध्यक्ष को बधाई दी।
सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय के जनजाति दर्जे पर राष्ट्रपति की मुहर लग गई। राज्यसभा से बिल पारित होने के आठ दिन बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी 4 अगस्त को हस्ताक्षर कर दर्जे को मंजूरी दे दी। गिरिपार क्षेत्र की 154 पंचायतों की दो लाख की आबादी को जनजाति का लाभ मिलेगा।
इसके साथ ही हाटी जनजाति को हिमाचल प्रदेश की जनजातियों की सूची में दसवें स्थान के बाद 11वें स्थान पर शामिल करने की गजट अधिसूचना भी जारी हो गई है। हाटी समुदाय का साढ़े पांच दशक का लंबा इंतजार खत्म हो गया। समुदाय को जनजाति का दर्जा मिलने पर समूचे गिरिपार क्षेत्र में खुशी की लहर है।
बता दें कि राष्ट्रपति को किसी भी बिल को छह माह तक रोकने का अधिकार है, लेकिन इस बिल पर द्रौपदी मुर्मू ने आठ दिन के भीतर हस्ताक्षर कर सांविधानिक अधिकार दे दिया। 16 दिसंबर 2022 को यह बिल लोकसभा से पारित हुआ था। इससे पहले 14 सितंबर 2022 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे अपनी मंजूरी दी थी।
गिरिपार क्षेत्र में हाटी जनजाति की संख्या 62 प्रतिशत है। इसलिए केंद्र और राज्य सरकारों के बजट से जनजाति उप योजना में करोड़ों रुपये प्रतिवर्ष मिलेंगे।
उधर, केंद्रीय हाटी समिति के अध्यक्ष डा. अमीचंद कमल, महासचिव कुंदन शास्त्री, उपाध्यक्ष सुरेंद्र हिंदुस्तानी और वेद प्रकाश ठाकुर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का त्वरित कार्रवाई कर स्वीकृति देने के लिए आभार जताया।
इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव तोमर का भी धन्यवाद किया।
ये मिलेंगे फायदे
शैक्षणिक, राजनीतिक और सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिलेगा। आर्थिक सहायता अनुदान के साथ विकास योजनाओं के लिए भी अतिरिक्त धन मिलेगा। विद्यार्थियों को स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक छात्रवृत्ति मिलेगी। सस्ते ब्याज पर ऋण, कृषि और बागवानी में अनुदान मिलेगा।
हाटी समुदाय के करीब सवा दो लाख लोगों को जनजाति लोगों को मिलने वाले सभी लाभ मिलने शुरू होंगे। विधेयक के कानून बनने के बाद हिमाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजातियों की संशोधित सूची में नए सूचीबद्ध समुदाय के सदस्य भी सरकार की मौजूदा योजनाओं के तहत अनुसूचित जनजातियों का लाभ ले सकेंगे। सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए आरक्षण का लाभ मिलेगा। इसके अलावा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय फेलोशिप, उच्च श्रेणी की शिक्षा, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम से रियायती ऋण, अनुसूचित जनजाति के लड़कों और लड़कियों के लिए छात्रावास आदि का भी लाभ मिलेगा।
लुप्त होती जा रही हाटी लोक संस्कृति का अब संरक्षण और संवर्धन होगा।