Corona: सीवर के नमूनों की जांच से पता चलेगा कोरोना का प्रसार
Corona: सीवर के नमूनों की जांच से पता चलेगा कोरोना का प्रसार, जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए तैयार किया प्लेटफॉर्म
देश में कोरोना वायरस की निगरानी को लेकर एक बड़ा बदलाव हुआ है। जांच, टीकाकरण और जीनोम सीक्वेंसिंग के अलावा सीवर सैंपलिंग को भी निगरानी तंत्र से जोड़ा है, ताकि आबादी में संक्रमण के प्रसार का सही अनुमान लगाया जा सके। इसके पीछे कोरोना वायरस की दैनिक जांच में बढ़ोतरी न होना एक मुख्य वजह माना जा रहा है।
भारत के जीनोमिक्स कंसोर्टियम यानी इन्साकॉग की सिफारिश पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि संदिग्ध क्षेत्रों में इन्फ्लूएंजा ग्रस्त मरीजों की निगरानी के साथ-साथ सीवर से नमूने लेकर उनकी जांच से उक्त क्षेत्र में संक्रमण के प्रसार का पता लगाया जा सकता है। इस सीवर सैंपलिंग के लिए इन्साकॉग ने एक अलग से प्लेटफार्म भी बनाया है जहां राज्य सरकार सीवर जांच से संबंधित जानकारियां साझा कर सकती हैं। अभी तक देश में ओडिशा और बंगाल के तीन संस्थानों ने 350 नमूनों की जानकारी दी है।
सामान्य सर्दी-खांसी नहीं है कोरोना
डॉ. सौम्या स्वामीनाथन, पूर्व मुख्य वैज्ञानिक, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह सच है कि भारत में कोरोना संक्रमण अभी काफी नियंत्रित स्थिति में है और लोगों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है, लेकिन यह भी तथ्य है कि कोरोना को हमें सामान्य सर्दी या खांसी नहीं समझना चाहिए। लोगों को लक्षण होने पर जांच कराने से घबराना नहीं चाहिए।
600 से ज्यादा कोरोना संक्रमित
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि बीते एक दिन में कोरोना के 640 मामले सामने आए हैं। दो दिन पहले भी 600 से ज्यादा मरीज एक दिन में मिले थे। सक्रिय मामलों की संख्या 2,997 हो गई है। वहीं, संक्रमण से एक मरीज की मौत हुई है।
अभी तक इन राज्यों में बढ़ा कोरोना
केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तमिलनाडु, गोवा, पुडुचेरी, गुजरात और तेलगंना।
ज्यादातर लोग नहीं करा रहे जांच
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, छत्तीसगढ़ सहित देश के कुल 12 राज्यों में कोरोना के नए मामले सामने आने की जानकारी है, जिनमें से केरल को छोड़ अन्य सभी राज्यों में यह मामले काफी सीमित संख्या में है। हालांकि, अधिकतर लोग सर्दी, खांसी, जुकाम को सामान्य मानते हुए कोविड-19 टेस्ट नहीं करा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण ज्यादा देखने को मिल रहे हों, वहां सीवर जांच निगरानी में सहायक हो सकता है। इससे संबंधित क्षेत्र में संक्रमण के प्रसार व कोरोना स्वरूपों के बारे में जानकारी मिल सकेगी।