अमेरिकन डाई फ्रूट पेकान नट सुधारेगा किसानों की आर्थिकी
अमेरिकन डाई फ्रूट पेकान नट सुधारेगा किसानों की आर्थिकी, बढ़ेर में विकसित होगा क्लस्टर
हिमाचल प्रदेश में अमेरिकन डाई फ्रूट पेकान नट की खेती होगी। कांगड़ा जिले के विकास खंड पंचरुखी के बढ़ेर में शिवा प्रोजेक्ट के तहत इसका क्लस्टर विकसित होगा।
10 हेक्टेयर क्षेत्र में इसकी खेती से 40 किसान परिवार जुडेंगे। प्रथम चरण में यहां पर दस हेक्टेयर में तीन हजार के करीब पौधे लगाए जाएंगे।
विदेशों से नई उन्नत किस्म की वेरायटी का आयात कर इसे हिमाचल में उगाया जाएगा।
शिवा प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के निचले जिलों में अखरोट के विकल्प के रूप में यह फल बागवानों की आर्थिकी को मजबूत करेगा।
अखरोट की खेती हिमाचल के ऊपरी इलाकों में होती है लेकिन, यह भी बड़े स्तर पर विकसित नहीं हो सकी है।
यह प्रदेश के कुछ जिलों तक ही सीमित है। मंडी, कुल्लू व शिमला में अखरोट की पैदावार होती है लेकिन अब इसके विकल्प के रूप में निचले हिमाचल के इलाकों में पेकान नट की पैदावार होगी।
शिवा प्रोजेक्ट के तहत निचले हिमाचल में विभिन्न फलों के बड़ी संख्या में क्लस्टर विकसित करने की योजना है। इस कड़ी में पेकान नट को विकास खंड पंचरुखी के बढ़ेर के लिए चुना गया है।
वर्तमान में यह फल 1200 से 1500 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से बाजार में बिक रहा है, जबकि अखरोट की अधिकतम कीमत एक हजार रुपये प्रतिकिलो तक रहती है।
इस फल की खास बात यह है कि यह अखरोट की तरह दिखता तो है लेकिन उतना सख्त नहीं होता है।
यहां पर तैयार हो रही पौध, ये है वैरायटी
प्रथम चरण में हिमाचल में वाईएस परमार यूनिवर्सिटी नौणी, उद्यान विभाग पालमपुर व कांगड़ा जिले की एक निजी नर्सरी में पेकान नट की पौध तैयार की जा रही है।
शिवा प्रोजेक्ट निदेशक प्रदीप ठाकुर ने कहा कि प्रथम चरण में पेकान नट की महान व बरकट किस्म की प्लांटेशन होगी।