Sep 19, 2024
HIMACHAL

स्कूल समेत शिक्षण संस्थानों में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की बिक्री पर पूर्णत: रोक

 शिक्षण संस्थानों में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की बिक्री पर पूर्णत: रोक

बेचता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई होगी।

 

हिमाचल के स्कूल, कॉलेज सहित अन्य शिक्षण संस्थानों में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की बिक्री को पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया गया है। यदि कोई इसे बेचता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई होगी।

विद्यार्थी व दुकानदार इसे अपने पास रख भी नहीं पाएंगे।केंद्र सरकार की ओर से आए निर्देशों के बाद शिक्षा विभाग ने इसको लेकर सख्ती कर दी है।

निदेशक उच्चतर शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा की ओर से इस संबंध में सभी शिक्षण संस्थानों को सर्कुलर जारी कर दिया गया है।

केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बनाना, बेचना और इसके विज्ञापन पर पूरी तरह से रोक लगाई हुई है।

बावजूद इसके ऑनलाइन शॉपिंग एप, कुछ स्टोर में ई सिगरेट की बिक्री आसानी से हो रही है। जो नियमों का सरेआम उल्लंघन है।

निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग ने अपने आदेशों में कहा कि इस पर सख्ती से नजर रखें। समय समय शिक्षण संस्थानों के आसपास दुकानों का निरीक्षण करें और देखे कि इसमें ई सिगरेट तो नहीं बिक रही।

 

स्कूल और कॉलेजों में विशेष अभियान: राकेश कंवर

सचिव शिक्षा राकेश कंवर की ओर से भी इस संबंध में सर्कुलर जारी किया है। उन्होंने निदेशक उच्चतर शिक्षा को निर्देश दिए हैं कि सरकार ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगा दिया है, ऐसे में सतर्क रहना होगा। यह देखना होगा कि ई-सिगरेट स्कूल और विशेष रूप से कॉलेज के छात्रों के बीच उपलब्ध न हो।

उन्होंने जिला स्तर पर उप निदेशक व प्रधानाचार्यो को निर्देश दिए कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की उपलब्धता की जांच करने के लिए एक मासिक अभियान चलाएं।

पकड़े जाने पर एक लाख रुपये का जुर्माना और जेल

ई-सिगरेट पर प्रतिबंध में उल्लंघनकर्ताओं के लिए कारावास और भारी जुर्माने का प्रवधान है। पकड़े जाने पर एक लाख रुपये के जुर्माने के साथ एक साल तक की अधिकतम कैद की सजा है। इसके साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उत्पादन, आयात, वितरण, बिक्री और उपयोग पर सख्त प्रतिबंध शामिल है।

 

युवाओं में ई-सिगरेट का बढ़ता चलन

युवाओं में ई सिगरेट का चलन बढ़ता जा रहा है। युवा कहीं से इसे खरीद लेते थे। इसकी लत से ही वह नशे की ओर प्रेरित हो रहे हैं। इसलिए केंद्र सरकार ने इस पर पूर्णत: रोक लगाई हुई है। अब हिमाचल में भी इस दिशा में सख्ती करना शुरू कर दिया है।