Mar 14, 2025
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चारधाम यात्रा के लिए हरबर्टपुर बस अड्डे से भी हो यात्रियों का पंजीकरण

चारधाम यात्रा के लिए हरबर्टपुर बस अड्डे से भी हो यात्रियों का पंजीकरण

देशआदेश

विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने हरबर्टपुर बस अड्डे को चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों के पंजीकरण केंद्र के रूप में उपयोग करने की मांग विधानसभा में उठाई है। उन्होंने कहा कि बस अड्डे से पिछले वर्ष चारधाम यात्रियों को काफी राहत मिली थी। उन्होंने बस अड्डे पर वाहनों की फिटनेस सुविधा शुरू करने की भी मांग रखी है।

 

 

विधानसभा के बजट सत्र में परिवहन विभाग से संबंधित चर्चा के दौरान विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हरबर्टपुर में आवश्यक सुविधाओं के साथ बस अड्डे का निर्माण कराया गया है। इसमें यात्रियों के बैठने, रुकने के अलावा शौचालय आदि की पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं।

 

 

यमुनोत्री जाने वाले यात्रियों के लिए यह बस अड्डा काफी सुविधाजनक रहता है। कहा कि पिछले वर्ष अचानक से तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ जाने की स्थिति में बस अड्डे ने यात्रियों के पंजीकरण से लेकर उनकी आवाजाही को नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

 

 

उन्होंने सरकार से इस बार यात्रा सीजन से पहले ही बस अड्डे को यात्रियों के पंजीकरण व उनकी आवाजाही के लिए उपयोग में लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की।

 

 

 

टीजीटी संस्कृत पदनाम करने पर जताई चिंता

 

 

शिमला। प्रदेश सरकार द्वारा लागू किए टीजीटी के नए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को लेकर संस्कृत महाविद्यालयों से डिग्री कर रहे विद्यार्थियों ने गहरी चिंता व्यक्त की है।

छात्रों ने कहा है कि टीजीटी शास्त्री के स्थान पर टीजीटी संस्कृत पदनाम किए जाने से संस्कृत महाविद्यालयों का अस्तित्व और शास्त्रों के पढ़ने पढ़ाने की परंपरा खतरे में पड़ जाएगी।
छात्रों ने कहा कि सरकार के इस फैसले से पड़ने वाले असर को लेकर प्रतिनिधिमंडल सरकार और शिक्षा मंत्री से मुलाकात करेगा। शास्त्र संरक्षण छात्र संघ और अन्य संगठन बीएड के विरोधी नहीं हैं, यदि सरकार को शास्त्री को टीजीटी पद देना है तो पद का नाम टीजीटी शास्त्री होना चाहिए न कि टीजीटी संस्कृत। 
शास्त्र सरंक्षण छात्र संघ के साथ विभिन्न संस्कृत संगठन सोमवार को इसे लेकर सरकार से अपना पक्ष रखेंगे। संगठन केवल यही चाहता है कि संस्कृत महाविद्यालय में पढ़ रहे छात्र 5 शास्त्रों का अध्ययन करके शास्त्री उपाधि प्राप्त करते हैं, वह कैसे बीए के समकक्ष हो सकते हैं। बीए में मात्र 1 संस्कृत का विषय पढ़ने वाला बराबरी नहीं कर सकता।