चालदा महाराज का प्रवास काल पूरा, आज गर्भगृह से आए बाहर
चालदा महाराज का प्रवास काल पूरा, आज गर्भगृह से आएं बाहर
दसऊ मंदिर में दर्शन के लिए लगी श्रद्धालुओं की लाइन। स्रोत जागरूक पाठक
– दो साल आठ महीने तक दसऊ में प्रवास के बाद देवता जाएंगे हिमाचल
देशआदेश
छत्रधारी चालदा महाराज का दसऊ में प्रवास काल पूरा हो गया है। अब वह दसऊ मंदिर से हिमाचल प्रदेश के पश्मी में प्रवास के लिए प्रस्थान करेंगे। इसके लिए सोमवार को देव पालकी को मंदिर के गर्भगृह से बाहर लाया जाएगा। देव दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ लगनी शुरू हो गई है। उधर पुलिस-प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद किया गया था।
दो साल आठ महीने तक दसऊ में प्रवास के बाद चालदा महासू देवता हिमाचल के पश्मी जाएंगे। खत पशगांव के स्याणा व मंदिर समिति के अध्यक्ष शूरवीर सिंह चौहान ने बताया कि देव डोली व चिह्नों को सोमवार को विधि-विधान के साथ मंदिर से बाहर लाया जाएगा। इसके लिए रविवार को ही बड़ी संख्या में भक्त देव दर्शन के लिए पहुंच गए।
उन्होंने बताया कि देवता को आमंत्रित करने के लिए 300 लोग हिमाचल से मंदिर पहुंचेंगे। यहां उनका भव्य स्वागत किया जाएगा। इसकी सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। तहसील प्रशासन ने भी सुरक्षा की दृष्टि से इंतजाम किए हैं। उपजिलाधिकारी प्रेमलाल ने बताया कि दसऊ गांव में जुटने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए तहसीलदार, नायब तहसीलदार, छह पटवारी सहित 17 कर्मचारियों की तैनाती की गई है।
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कल भूपोऊ गांव में करेंगे रात्रि प्रवास
चालदा महासू देवता सोमवार को एक दिन दसऊ गांव के आग्रह पर रुकने के बाद मंगलवार को छतराण कुंवर सिंह चौहान के घर बागड़ी के रूप में रुकेंगे।
इसके अगले दिन भूपोऊ गांव निवासी सीताराम चौहान के यहां रात्रि प्रवास करेंगे। 11 दिसंबर को देवता खत दसऊ के खेड़ा मयार में रात लगाने के बाद 12 दिसंबर को सावड़ा खेड़ा पहुंचेंगे। यहां से 13 दिसंबर की रात हिमाचल प्रदेश के द्राविड़ पहुंचेंगे। 14 दिसंबर की सुबह पश्मी स्थित मंदिर के लिए रवाना होंगे और रात तक मंदिर में विराजमान होंगे।

