पीजीआई के अध्ययन में खुलासा: हिमाचल के दुर्गम क्षेत्रों की महिलाओं को तनाव दे रहा गर्भधारण
पीजीआई के अध्ययन में खुलासा: हिमाचल के दुर्गम क्षेत्रों की महिलाओं को तनाव दे रहा गर्भधारण
देश आदेश, पांवटा साहिब
सार
अध्ययन के लिए लाहौल स्पीति के दूरदराज के 41 गांव चुने गए। ऐसी 103 महिलाओं का चयन किया गया, जिन्होंने पिछले दो साल में डिलीवरी से संबंधित अनुभव लिए। इसके लिए इन महिलाओं के साक्षात्कार किए गए। उन्हें प्रश्नावली दी गई।
हिमाचल प्रदेश के दुर्गम और जनजातीय क्षेत्रों में गर्भधारण एक तनावपूर्ण घटना है। यह खुलासा पीजीआई चंडीगढ़ के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के अध्ययन में हुआ है। इसके लिए गर्भधारण करने वाली 103 महिलाओें पर स्टडी की गई। इसमें पाया गया है कि गर्भधारण के दौरान इन महिलाओं को इस क्षेत्र में सुविधाएं नहीं होने के कारण खुद को अन्यत्र शिफ्ट करना पड़ा। इससे उन्हें अपनों से दूरी बनानी पड़ी है, जिसकी वजह से उन्हें शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और वित्तीय परेशानी का सामना करना पड़ा है।
यह अध्ययन हाल ही में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन नामक ऑनलाइन जर्नल में छपा है। पीजीआई चंडीगढ़ की कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग की डॉ. नेहा पुरोहित ने इस विषय पर गंभीर पड़ताल की। इस अध्ययन में एक कम्यूनिटी आधारित विस्तृत क्रॉस सेक्शनल अध्ययन किया गया। इसके लिए लाहौल स्पीति के दूरदराज के 41 गांव चुने गए। ऐसी 103 महिलाओं का चयन किया गया, जिन्होंने पिछले दो साल में डिलीवरी से संबंधित अनुभव लिए
इसके लिए इन महिलाओं के साक्षात्कार किए गए। उन्हें प्रश्नावली दी गई। अध्ययन में यह तो पाया गया कि इन क्षेत्रों की महिलाएं एंटीनेटल केयर सेवाएं ले रही हैं, मगर इसमें उन्हें शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और आर्थिक कठिनाइयों का बहुत सामना करना पड़ रहा है। इन क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण एंटीनेटल सेवाओं का न होना, परिवहन सुविधाओं का अभाव और मौसम की परिस्थितियां अनुकूल न होने के कारण महिलाओं को उनके समुदायों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
लाहौल की महिलाओं को अपने घर छोड़कर समीपस्थ जिलों में जाना पड़ रहा है। अध्ययन में निष्कर्ष निकाला गया है कि ऐसे सुविधा से वंचित क्षेत्रों में गर्भधारण करना एक तनावपूर्ण घटना है। यह परिवारों और समुदायों में लिंक को तोड़ रही है। अध्ययन में सुझाव दिया गया है कि एक कार्यक्रम की स्थापना की जाए, जिससे कि गुणवत्तापूर्ण एंटीनेटल केयर सेवाओं को ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में उपलब्ध करवाया जा सके
Originally posted 2021-12-19 23:50:47.