हिमाचल में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 1,600 करोड़ रुपये देगा विश्व बैंक
1…हिमाचल में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 1,600 करोड़ रुपये देगा विश्व बैंक
2..तीन दिन बारिश-बर्फबारी के आसार, बिजली चमकने और अंधड़ चलने का येलो अलर्ट
भारत सरकार, हिमाचल प्रदेश सरकार और विश्व बैंक ने मंगलवार को राज्य में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए 1,600 करोड़ (200 मिलियन डॉलर) की परियोजनाओं पर हस्ताक्षर किए।
विश्व बैंक की तरफ से दी जाने वाली इस ऋण राशि से राज्य की बिजली आपूर्ति में अक्षय ऊर्जा स्रोतों से 10,000 मेगावाट अतिरिक्त उत्पादन लक्ष्य रखा गया है।
ऋण राशि से प्रदेश में बिजली नेटवर्क को मजबूती मिलेगी। 150 मेगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता भी बढ़ेगी। अगस्त 2022 को विश्व बैंक की टीम ने राज्य सचिवालय में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूर किया था।
हिमाचल प्रदेश के लिए 100 फीसदी ऊर्जा अक्षय एवं हरित ऊर्जा स्रोतों से हासिल कर 2030 तक इसे हरित प्रदेश बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
फिलहाल यहां 80 फीसदी ऊर्जा पूर्ति जलविद्युत परियोजनाओं से हो रही है।
विश्व बैंक के अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (आईबीआरडी) की तरफ से दिए जाने वाले इस ऋण की परिपक्वता अवधि 14.5 वर्ष होगी, जिसमें 4.5 वर्ष की छूट अवधि शामिल है।
इस ऋण सहायता से राज्य में 150 मेगावाट की सौर ऊर्जा की क्षमता बढ़ाई जाएगी, जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में प्रति वर्ष 1,90,000 मीट्रिक टन से अधिक की कमी होगी।
परियोजनाओं पर हस्ताक्षर के बाद भारत के लिए विश्व बैंक के निदेशक अगस्ट तानो कुआमे ने कहा कि जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा खपत के स्थान पर हरित ऊर्जा के इस्तेमाल से स्थानीय आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश अन्य राज्यों को अतिरिक्त पनबिजली को बेचने में सक्षम बनेगा।
यह कार्यक्रम अक्षय ऊर्जा में नए निवेश जुटाने के लिए भारतीय बिजली बाजार को नया रास्ता दिखाएगा। पांच वर्ष की इस परियोजना के लिए वर्ल्ड बैंक 1,600 करोड़ और प्रदेश सरकार 400 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
इस प्रोग्राम के तहत पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन और बिजली बोर्ड पर बिजली नेटवर्क की मजबूती का जिम्मा रहेगा।
प्रदेश में 150 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन पावर कारपोरेशन और हिम ऊर्जा के माध्यम से किया जाएगा।
प्रोजेक्ट लगने से पर्यावरण और सामाजिक नुकसान का अध्ययन कर सुधार करने के लिए रिपोर्ट बनेगी।
बिजली खरीद और बिक्री के लिए स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर अपग्रेड किया जाएगा। सौर, पवन, जलविद्युत, ज्वार भाटा से प्राप्त ऊर्जा, बायोगैस और जैव इंधन को अक्षय ऊर्जा कहा जाता है।
इस प्रोग्राम के तहत जल विद्युत की कोई भी नई परियोजना शुरू नहीं की जाएगी। पहले से स्थापित परियोजनाएं मजबूत की जाएंगी।
तीन दिन बारिश-बर्फबारी के आसार, बिजली चमकने और अंधड़ चलने का येलो अलर्ट
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हिमाचल प्रदेश में मौसम बिगड़ने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य के कुछ भागों में 8 से 10 नवंबर तक बारिश-बर्फबारी की संभावना है।
इस दौरान कुछ भागों में गरज के साथ बिजली चमकने का येलो अलर्ट भी जारी किया गया है।
विभाग के अनुसार बर्फबारी की स्थिति में राज्य के पर्वतीय जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में पाइपों में पानी जमने से जलापूर्ति बाधित हो सकती है।
राज्य के उच्च पर्वतीय इलाकों में यातायात और अन्य आवश्यक सेवाओं में बाधा हो सकती है।
विभाग के अनुसार 11 नवंबर से राज्य में मौसम साफ रहने के आसार हैं।
विभाग ने मौसम संबंधी जारी की गई सलाह का पालन करने को कहा है। स्थानीय लोगों व पर्यटकों को संबंधित विभागों की ओर से जारी सलाह, दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।
साथ ही गंतव्य के लिए रवाना होने से पहले अपने मार्ग पर यातायात संबंधी जानकारी संबंधित विभाग से पता करने व मौसम की स्थिति को देख कर ही यात्रा करने की सलाह दी है।