मूल्यांकन परीक्षाओं के बाद 31 दिसंबर और मार्च तक खुले रहेंगे सभी सरकारी स्कूल
मूल्यांकन परीक्षाओं के बाद 31 दिसंबर और मार्च तक खुले रहेंगे सभी सरकारी स्कूल
हर माह के अंत में होगी शिक्षक-अभिभावकों की बैठक
हिमाचल प्रदेश में अब मूल्यांकन परीक्षाओं के बाद 31 दिसंबर और 31 मार्च तक स्कूल खुले रहेंगे।
प्रदेश के सरकारी स्कूलों के साढ़े आठ लाख विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई का निरंतर माहौल बनाए रखने के लिए शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला किया है।
शीतकालीन स्कूलों में 31 दिसंबर और ग्रीष्मकालीन स्कूलों में 31 मार्च तक पाठ्यचर्चा और सह पाठ्यक्रम गतिविधियां होंगी। नए शैक्षणिक सत्र के पहले दिन से पठन-पाठन प्रक्रिया भी शुरू होगी।
हिंदी, गणित और अंग्रेजी सुधार पर पहले 15 दिन शिक्षक विशेष कार्य करेंगे। हर दिन के प्रारंभिक दो घंटों में केवल हिंदी, अंग्रेजी, गणित की बुनियादी क्षमताओं को और सुदृढ़ किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि नॉन बोर्ड कक्षाओं की दिसंबर और मार्च के मध्य में परीक्षाएं समाप्त हो जाती हैं और इसके बाद बच्चे स्कूल आना बंद कर देते हैं। व्यवस्था को बदलने के लिए अब एसए दो मूल्यांकन के बाद भी स्कूल खुले रखने का फैसला लिया गया है।
शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन छुट्टियां होने से पहले भी स्कूलों में पढ़ाई निरंतर जारी रहेगी। बच्चों को पढ़ाई के वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों से परिचित कराने के लिए गेस्ट लेक्चर आयोजित होंगे। मार्गदर्शन और सलाह के लिए छात्रों को उनकी रुचि के क्षेत्र के मेंटर के साथ जोड़ा जाएगा।
कॅरिअर परामर्श कार्यशालाएं और सांस्कृतिक गतिविधियां होंगी। इसमें प्रत्येक बच्चे की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। प्रार्थना सभा में पढ़ने और रचनात्मक लेखन की गतिविधियां होंगी। सामूहिक पढ़ाई भी करवाई जाएगी।
बच्चों के अधिगम स्तर अनुसार देंगे निदानात्मक शिक्षा
प्रदेश में अब बच्चों को अधिगम स्तर अनुसार निदानात्मक शिक्षा दी जाएगी। भाषा में कम अधिगम स्तर प्राप्त करने वाले बच्चों के साथ शिक्षक अधिक समय बिताएंगे। समझ के साथ पढ़ने वाले बच्चों को अन्य बच्चों की मदद के लिए प्रेरित किया जाएगा।
पूरी कक्षा को भाषा एवं गणित के अधिगम स्तर के अनुसार समूहों में विभाजित किया जाएगा। भाषा एवं गणित के मूलभूत कार्य करने में बच्चों के अधिगम स्तर पिछले शैक्षणिक सत्र की परीक्षाओं के आधार पर पहचाने जाएंगे। सीखने में आई कमी को पहचाने के अनुसार निदानात्मक कदम उठाए जाएंगे।
हर माह के अंत में होगी शिक्षक-अभिभावकों की बैठक
नए शैक्षणिक सत्र से हर माह शिक्षक-अभिभावकों की बैठक अनिवार्य तौर पर होगी। इसमें अभिभावकों को उनके बच्चों की उपलब्धियों और कमियों से अवगत कराया जाएगा। पूर्व में बैठकों का आयोजन साल में एक या दो बार होता था।
सरकार ने पुरानी व्यवस्था को अब बदलते हुए अभिभावकों की सहभागिता को बढ़ाने का फैसला किया है।
शिक्षा क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक बदलावों के लिए अध्यापक संघ के एक शिष्टमंडल नेजताया आभार
वहीं, हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के एक शिष्टमंडल ने गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में शिक्षा सचिव राकेश कंवर से मुलाकात कर शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे सकारात्मक सुधार एवं बदलाव के लिए उनका आभार जताया।
वीरेंद्र चौहान ने कहा कि आज इसी प्रकार की शिक्षा प्रणाली को शुरू करने की आवश्यकता है। चौहान ने कहा कि संगठन ने जो-जो मांगें रखी हैं, वह एक-एक कर पूरी हो रही हैं।
प्री प्राइमरी से बारहवीं कक्षा तक की शिक्षा प्रणाली को एक छत के नीचे लाना स्वागत योग्य फैसला है।
सरकार द्वारा पहली कक्षा से अंग्रेजी मध्यम से पढ़ाई शुरू करने का निर्णय भी समय की मांग है। उन्होंने शिक्षा सचिव से सभी स्कूलों में नर्सरी और केजी की पढ़ाई शुरू करने और नर्सरी टीचर ट्रेनिंग करने वालों की नियुक्ति करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि सभी निजी स्कूलों के लिए भी यह सुनिश्चित किया जाए की पहली कक्षा में बच्चों के दाखिले छह वर्ष की आयु पूरी करने पर ही हों।