अयोध्या जाएंगे 80 गण्यमान्य लोग, विक्रमादित्य अकेले राजनेता
अयोध्या जाएंगे 80 गण्यमान्य लोग, विक्रमादित्य अकेले राजनेता
पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह ने धर्मांतरण के खिलाफ भी बनाया था कानून
उनके प्रतिनिधि के तौर पर मंत्री विक्रमादित्य को आया न्योता, खुद को भाग्यशाली मानता हूं : विक्रमादित्य
खुद को मान रहे भाग्यशाली
अयोध्या में राम मंदिर में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साक्षी हिमाचल प्रदेश के करीब 80 गण्यमान्य लोग भी बनेंगे। इनमें विक्रमादित्य सिंह अकेले राजनेता होंगे।
हालांकि पूर्व सांसद महेश्वर सिंह भी बुलाए गए हैं, मगर उन्हें रघुनाथ मंदिर के प्रमुख छड़ीबरदार होने के नाते बुलावा दिया है।
इसके अलावा बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा सहित कई अन्य प्रमुख हस्तियों को भी न्योता दिया है।
कांग्रेस सरकार के युवा व लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने वाले अकेले राजनेता होंगे।
उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह के प्रतिनिधि के तौर पर बुलाया गया है। इस तरह का आधिकारिक न्योता प्रदेश के भाजपा नेताओं यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी नहीं मिला है।
विक्रमादित्य सिंह सोशल मीडिया पर अकसर जयश्रीराम लिखकर भी चर्चा में रहते आए हैं।
देश में गोवध के खिलाफ पहला ठोस कानून बनाने का श्रेय हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र सिंह को जाता है। उन्होंने धर्मांतरण के खिलाफ भी कानून बनाया था।
हिमाचल प्रदेश से ग्रेट खली, शूटर विजय कुमार, मोटे अनाज को उगाने के लिए सम्मानित पद्मश्री नेक राम शर्मा, चंबा रूमाल के लिए सम्मानित पद्मश्री ललिता वकील, सहायक आचार्य चमन लाल बंगा, उद्योगपति गौतम जैन, साहित्यकार अभिराज राजेंद्र मिश्र सहित कई अन्य गण्यमान्य लोगों को भी निमत्रंण पत्र आया है। विश्व हिंदू परिषद के प्रांत अध्यक्ष लेखराज राणा, स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक वीर सिंह रांगड़ा, आरोग्य भारती से जुड़े रहे डॉ. राकेश पंडित, एसजेवीएन के प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा सहित कई अन्य हस्तियों को भी 22 जनवरी को अयोध्या बुलाया है। इनके अलावा 51 प्रमुख संतों को बुलाया गया है।
खुद को भाग्यशाली मानता हूं : विक्रमादित्य
विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि वह अयोध्या में श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। हालांकि उनकी पार्टी के शीर्ष नेताओं ने अभी तक 22 जनवरी के कार्यक्रम पर कोई फैसला नहीं किया है। उन्होंने निमंत्रण के लिए आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद को धन्यवाद किया।
विक्रमादित्य ने कहा कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है और वह हिमाचल प्रदेश से आमंत्रित कुछ लोगों में शामिल होने के लिए खुद को भाग्यशाली मानते हैं।
‘देव समाज’ में विश्वास रखने वाले एक हिंदू के रूप में यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह इस अवसर पर उपस्थित रहें।