Sep 8, 2024
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इस को-ऑपरेटिव बैंक को आरबीआई ने लगाया 6 लाख जुर्माना

इस को-ऑपरेटिव बैंक को आरबीआई ने लगाया 6 लाख जुर्माना

देशआदेश

 

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पांच मार्च 2024 के एक आदेश में द मंडी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड मंडी हिमाचल प्रदेश को छह लाख रुपये जुर्माना लगाया है।

 

आरबीआई के मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल ने इस संबंध में बुधवार को जारी प्रेस रिलीज में बताया कि प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमा राशि रखने पर आरबीआई के निर्देशों के कुछ प्रावधानों का अनुपालन नही किया गया है। इस कारण यह जुर्माना बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 46 (4)(आई) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के तहत प्रदत्त आरबीआई में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है ।

 

31 मार्च 2022 को इसकी वित्तीय स्थिति के संदर्भ में आरबीआई द्वारा बैंक का चुनिंदा स्कोप निरीक्षण किया गया था। आरबीआई के निर्देशों और उस संबंध में संबंधित पत्राचार के गैर-अनुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों के आधार पर बैंक को सलाह देते हुए एक नोटिस जारी किया गया था। उसे कारण बताना होगा कि उक्त निर्देशों का पालन करने में विफलता के लिए उस पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए।

 

 

 

नोटिस पर बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद आरबीआई ने अन्य बातों के साथ पाया कि सकल और साथ ही प्रतिपक्ष आधार पर विवेकपूर्ण अंतर-बैंक एक्सपोजर सीमा का उल्लंघन करने का आरोप बरकरार रखा गया था, जिससे मौद्रिक जुर्माना लगाया जाना जरूरी था।

 

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता को प्रभावित करना नहीं है।

 

 

इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से आरबीआई द्वारा बैंक के खिलाफ शुरू की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।