Sep 16, 2024
CRIME/ACCIDENT

सोते ही रह गए ज्यादातर लोग, भयंकर बाढ़ ने बचने का मौका नहीं दिया

रातभर ढूंढते रहे सुरक्षित स्थान, बारिश थमी तो रह गए थे तबाही के निशान

निरमंड में बुधवार रात को हुई भारी बारिश स्थानीय लोगों को कभी न भूलने वाले जख्म दे गई। बागीपुल में एक ही परिवार के पांच लोगों समेत सात लोग अभी भी लापता हैं।

 

नैन सरोवर और भीमडवारी नाले में बादल फटने से फ्लड तीन ट्रैक में बंट गया। एक ट्रैक सिंहगाड-बागीपुल-सतलुज से सटे कुर्पण खड्ड तक के क्षेत्र में भारी तबाही का मंजर बना गया।

 

वहीं, दूसरा ट्रैक रामपुर के सरपारा से तेजी खड्ड की ओर मुड़ा और तीसरा ट्रैक समेज के गानवी खड्ड की ओर गया। समेज में करीब 36 लोगों के लापता होने की सूचना है।

 

बुधवार रात करीब 12 बजे 20 मिनट का समय था। बागीपुल के ग्रामीणों को बारिश के साथ भयंकर आवाजें सुनाई दीं। लाइट गुल थी, बाहर धुंध ने रात को और अधिक डरावना बनाया हुआ था। ग्रामीण आवाजें सुनकर समझ गए थे कि कोई बहुत बड़ी अनहोनी होने वाली है।

 

वार्ड सदस्य कुमारी सुनीता, पुष्पेंद्र, रमेश कुमार, डॉ. प्रेम, नरेश ब्रामटा, राजेश कायथ और जीवा राम ने बताया कि अंधेरे में भारी बारिश की वजह मालूम नहीं हो रही थी। आसपास के लोग सीटियां बजाकर सुरक्षित स्थानों की ओर भागने की आवाजें दे रहे थे।

 

खड्ड के साथ रहने वाले कुछ लोग सुरक्षित जगहों की ओर भागे, लेकिन खड्ड के साथ आखिर क्या-क्या नुकसान हुआ, इसे देखने की हिम्मत भी कोई नहीं जुटा सका। पुलिस की गाड़ी की सायरन की आवाजें सुनाई दे रही थीं।

 

रातभर बारिश थमने की गुहार लगा रहे ग्रामीण सुबह पांच बजे जब तबाही का मंजर देखने गए, तो सभी के पैरों तले से जमीन खिसक गई। बागीपुल में बहुत ज्यादा नुकसान हो गया था

 

 

एसडीएम, तहसीलदार और पुलिस टीम भी पहुंच चुकी थी। ग्रामीणों ने कहा कि वह खौफजदा हैं। बागीपुल के सात लोग लापता हैं। बागीपुल सड़क का मुख्य पुल टूटने से संपर्क कट चुका है।

 

 

खड्ड किनारे लोगों की जमीनें पानी में बह गईं। करीब 11 घर पानी में बह गए हैं। फ्लड का कहर कुर्पण तक रहा। केदस में छह गाड़ियां, दो बाइक, एक मकान बह गए। बागीपुल से कुर्पण खड्ड तक करीब 12 फुट ब्रिज पानी में बह गए,

Cloudburst In Himachal Pradesh: सोते ही रह गए ज्यादातर लोग, भयंकर बाढ़ ने बचने का मौका नहीं दिया

Cloudburst in Himachal Most people remained asleep terrible flood did not give them a chance to escape

रामपुर उपमंडल के अंतर्गत सरपारा पंचायत और निरमंड खंड सीमा पर स्थित समेज गांव में बुधवार देर रात बादल फटने की घटना ने पूरे प्रदेश के लोगों को हिलाकर रखा दिया है। समेज गांव में यहां चारों तरफ मलबा और पत्थर ही दिख रहे हैं।

 

समेज में सभी लोग देर रात खाना खाने के बाद सो गए। अचानक 12:30 बजे श्रीखंड पीक पर बादल फटने से समेज खड्ड ने ऐसा तांडव मचाया कि इस बाढ़ में 36 लोग खड्ड में बह गए।

 

भयंकर बाढ़ ने बचने का मौका भी नहीं दिया। बाढ़ में बहे लोगों में 22 स्थानीय, चार प्रवासी और सात प्रोजेक्ट कर्मी शामिल हैं।

बाढ़ की आवाज कुछ लोगों ने सुनी और उन्होंने भागकर अपनी जान बचा ली। सुबह सूचना मिलते ही समेज क्षेत्र के आसपास लोग वहां पर पहुंचे और परिजन रोते-बिलखते अपनों की तलाश करने लगे, लेकिन उनका कोई पता नहीं चल पाया।

रामपुर से एसडीएम निशांत तोमर, डीएसपी नरेश शर्मा सहित रेस्क्यू टीम पहुंची। इसके बाद सुबह 10 बजे शिमला से उपायुक्त अनुपम कश्यप और एसपी संजय गांधी पहुंचे। उन्होंने प्रभावित लोगों से बात की।
इस दौरान अपनों की तलाश में कई लोगों के आंखों में आंसू बह रहे थे। उन्हें लग रहा था कि जो लापता हैं, शायद मिल जाएं, लेकिन दिनभर तलाश करने के बाद भी लापता लोगों का कोई सुराग नहीं लगा।
इस घटना में एक परिवार के सभी सदस्य लापता हो गए है। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि राहत कार्य तुरंत आरंभ कर दिया है। आईटीबीपी, स्पेशल होमगार्ड की टुकड़ी भी रेस्क्यू दल में शामिल है।
उधर, सरपारा पंचायत के प्रधान मोहन कपाटिया ने बताया कि समेज में बाढ़ आने से सरपारा पंचायत के लोगों के 26 मकान बह गए हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रभावित लोगों को जल्द राहत दी जाए।

इनके बह गए आशियाने
आलोक नेगी, प्रभात नेगी, उषा, मंगला देवी, सुमित्रा, चतर सिंह, सुभाष चंद, बहादुर सिंह, गोपाल सिंह, अजय, राकेश, पवन कुमार, बलदेव, चंद्र सिंह, सुशील कुमार, रविंद्र , सूरत राम, अशोक, बक्शी राम, संतोष कुमार, प्रताप, राकेश, राजेश और मोहन लाल के मकान बह गए। जबकि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकान चंद्र सिंह, ममता, आशीष, अनीता और राम लाल के हैं।