14 अगस्त तक ज्वाइन नहीं किया तो बैचवाइज टीजीटी की जाएगी नौकरी
14 अगस्त तक ज्वाइन नहीं किया तो बैचवाइज टीजीटी की जाएगी नौकरी, शिक्षा निदेशालय ने जारी किए निर्देश
हिमाचल प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने 14 अगस्त तक ज्वाइन करने वाले बैचवाइज आधार पर चुने गए टीजीटी को नौकरी नहीं देने का फैसला लिया है। शिक्षा निदेशालय ने 13 नवनियुक्त शिक्षकों के नामों की सूची जारी कर 14 अगस्त तक आवंटित स्कूलों में पदभार संभालने के निर्देश दिए हैं। तीन शिक्षकों को 31 अक्तूबर तक का समय दिया गया है।
16 और 30 जुलाई को निदेशालय ने बैचवाइज आधार पर चुने गए टीजीटी को स्कूल आवंटित किए थे। 16 शिक्षकों ने अभी तक स्कूलों में ज्वाइनिंग नहीं दी है। इन शिक्षकों को अब अंतिम मौका दिया गया है।
शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि अब कोई और मौका नहीं दिया जाएगा। इन शिक्षकों ने अगर पदभार नहीं संभाले तो माना जाएगा कि यह नौकरी नहीं करना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में बैचवाइज सूची के आधार पर अन्य का चयन करने की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।
केंद्र ने पंचायती राज संस्थाओं को जारी किए 59.34 करोड़
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने हिमाचल की पंचायती राज संस्थाओं के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के बाद 59.34 करोड़ रुपये का पर्याप्त अनुदान जारी किया है। इसे पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों को दिया जाएगा।
साथ ही केंद्र सरकार ने चेतावनी दी है कि सरकार या विभाग इसे अपने पास रोककर नहीं रख सकेंगे। केंद्र से प्राप्त होने के पंद्रह दिनों के भीतर यह पैसा संबंधित संस्थाओं को नहीं दिया गया तो इस पर ब्याज देना होगा। इसे कर्मचारियों के वेतन और स्थापना व्यय पर खर्च नहीं करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
इस संबंध में मंत्रालय के वित्त आयोग प्रभाग के निदेशक चिन्मय पुंडलीकराव गोटमारे ने राज्य सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज सचिव को पत्र भेजा है। यह निधि ग्रामीण स्थानीय निकाय मूल अनुदान अनटाइड के तहत पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशों का हिस्सा है।
इसका उपयोग जमीनी स्तर पर विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए किया जाएगा। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग की ओर से राज्य सरकार को भेजे गए पत्र से इसकी पुष्टि हुई है।
यह धनराशि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पहली किस्त के रूप में जारी की गई है। राज्य सरकार को 2011 की जनगणना के आधार पर सामान्य और विभिन्न मदों से बाहर किए गए क्षेत्रों में 90 और 10 प्रतिशत के क्रमवार भार के साथ अनुदान वितरित करने की सलाह दी गई है। निधियों की प्राप्ति के दस कार्य दिवसों के भीतर इन्हें संबंधित संस्थाओं को हस्तांतरित किया जाना चाहिए। अन्यथा बाजार की दरों पर औसत ब्याज दर वसूली जाएगी।
पंचायती राज मंत्रालय ने इन निधियों के उपयोग के लिए विशिष्ट दिशा-निर्देशों की रूपरेखा तैयार की है।
राज्य सरकार को निधियों के पारदर्शी और कुशल प्रबंधन के लिए सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) से जुड़े पंद्रहवें वित्त आयोग के अनुदानों के लिए अलग-अलग बैंक खाते खोलने का अधिकार है।