केंद्रीय बजट मजदूर, कर्मचारी, आंगनबाड़ी, किसान व जनता विरोधी: सीटू
केंद्रीय बजट मजदूर, कर्मचारी, किसान व जनता विरोधी: सीटू
सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश ने केंद्रीय बजट को पूरी मजदूर, कर्मचारी, किसान व जनता विरोधी करार दिया है। यह बजट गरीब विरोधी है व केवल पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाला है। सीटू ने केंद्र सरकार को चेताया है कि केंद्र सरकार के मजदूर, कर्मचारी, किसान व जनता विरोधी बजट के खिलाफ 5 फरवरी को देशव्यापी प्रदर्शन होंगे।
केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ मार्च में शिमला में मजदूरों का राज्य स्तरीय विराट प्रदर्शन होगा।
इसमें हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्रों, आंगनबाड़ी, मिड-डे मील, मनरेगा, निर्माण, क्षेत्र, जलविद्युत परियोजनाओं, एसजेवीएनएल, एनएचपीसी, रेलवे निर्माण, फोरलेन, नगर निगम शिमला की सैहब सोसाइटी, आईजीएमसी, टांडा मेडिकल कॉलेज, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, नगर परिषद आदि सार्वजनिक सेवाओं, आउटसोर्स कर्मी, रेहड़ी-फड़ी तहबाजारी, होटल, गाइड व अन्य व्यवसायों के मजदूर व कर्मचारी शामिल होंगे।
बजट में हिमाचल की अनदेखी, दिल्ली चुनावों के लिए दी टैक्स में छूट : नेगी
बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा की केंद्र सरकार के बजट में न भविष्य को लेकर कोई योजना है न वर्तमान को लेकर कोई सोच दिखाई दी है।
पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का दावा करने वालों के इस बजट से अर्थव्यवस्था 3 ट्रिलियन से भी नीचे लुढ़कने की संभावना है। आयकर छूट का दाव सिर्फ दिल्ली चुनावों के मद्देनजर खेला गया है, अगले साल के बजट में इस छूट को वापस ले लिया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का वादा किया था लेकिन 75 फीसदी से घटाकर इसे 50 फीसदी कर दिया। 2023 में बाढ़ से हुए नुकसान का 10 हजार करोड़ का मूल्यांकन तो केंद्र की टीमों ने कई बार किया लेकिन अब तक प्रदेश को कुछ नहीं दिया।
बजट में गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों, बेरोजगारों और किसान बागवानों के लिए कोई योजना नहीं है। बजट में हिमाचल को रेलवे और हवाई अड्डों के लिए कुछ नहीं दिया गया।
