Sep 1, 2025
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बिजली बोर्ड की ओर से नहीं मिली कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया: संयुक्त

बिजली बोर्ड की ओर से नहीं मिली कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया: संयुक्त

स्मार्ट मीटरों की समस्या, बढ़े हुए बिलों और अन्य त्रुटियों के संबंध में सौंपा गया था ज्ञापन:संयोजक

 

 

देशआदेश मीडिया

 

 

संयुक्त किसान मोर्चा, पांवटा साहिब के संयोजक तरसेम सिंह सगी एवं सह-संयोजक गुरविंदर सिंह गोपी ने एक प्रेस बयान जारी कर बताया कि क्षेत्र में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों को लेकर आम जनता में भारी रोष है। इन मीटरों के माध्यम से जो बिल आ रहे हैं, वे पूर्व की अपेक्षा कई गुना अधिक हैं, जिससे आम जनमानस आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान है।

 

 

 

 

 

 

उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी या उसके ठेकेदारों के कर्मचारियों की कार्यशैली भी अत्यंत असंवेदनशील और अस्वीकार्य है। ये कर्मचारी बिना अनुमति के घरों में प्रवेश कर रहे हैं, पहचान पत्र (ID) दिखाने से इनकार करते हैं और विरोध करने पर महिलाओं को पुलिस कार्रवाई, जेल और ₹10,000 तक के जुर्माने की धमकी दी जा रही है। इससे क्षेत्र में असुरक्षा का माहौल पैदा हो गया है।

 

 

 

 

 

जनता की इन समस्याओं को लेकर 13 अगस्त 2025 को पोटा साहिब में एक बड़ी जनसभा आयोजित की गई थी, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। सभा में यह निर्णय लिया गया कि बिजली विभाग को 20 दिन का समय दिया जाएगा, जिसके भीतर वह जनता के साथ एक आम बैठक कर उनकी शिकायतों को सुने और कार्यवाही सुनिश्चित करे। तब तक स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया को रोका जाए।

 

 

 

 

 

हालांकि, बिजली विभाग की ओर से अब तक केवल संयुक्त किसान मोर्चा को वार्ता के लिए बुलाया गया। संगठन द्वारा स्मार्ट मीटरों से जुड़ी समस्याओं, बढ़े हुए बिलों की प्रतियां और अन्य तकनीकी त्रुटियों के दस्तावेज़ एक लिखित ज्ञापन के रूप में सौंपे गए, परंतु अभी तक विभाग की ओर से कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया – न तो मौखिक और न ही लिखित – प्राप्त हुई है।

 

 

 

 

इस स्थिति को देखते हुए संगठन ने निर्णय लिया है कि 2 सितंबर 2025, दिन मंगलवार को शिव मंदिर, जामनीवाला रोड से एक रैली निकाली जाएगी, जो बिजली विभाग कार्यालय, बद्रीपुर पहुँचकर धरना एवं घेराव के साथ संपन्न होगी। इस मौके पर आगे की रणनीति भी तय की जाएगी।

 

 

 

 

संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी पत्रकार बंधुओं से अनुरोध किया है कि वे इस जनहित आंदोलन को कवरेज प्रदान करें, ताकि जनता की आवाज़ प्रशासन और सरकार तक प्रभावी ढंग से पहुँच सके।

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