Nov 22, 2024
HIMACHAL

हिमाचल: चुनावी साल में हड़ताल के दबाव से अपनी मांगें मनवाने में कामयाब हुए ठेकेदार

हिमाचल: चुनावी साल में हड़ताल के दबाव से अपनी मांगें मनवाने में कामयाब हुए ठेकेदार

निर्धारित समय से पहले बुलानी पड़ी कैबिनेट बैठक

कैबिनेट में समय पर नहीं पहुंच पाए मंत्री

देशआदेश शिमला

चुनावी साल में ठेकेदार जयराम सरकार से अपनी मांगें मनवाने में आखिरकार कामयाब हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश के ठेकेदारों की सहयोग न देने की चेतावनी के बाद सरकार को मंगलवार शाम को ही अधिकारियों की बैठक बुलानी पड़ी। इसमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज के अलावा हाईकोर्ट के महा अधिवक्ता को भी आमंत्रित किया गया।

पूरे प्रकरण में कानूनी राय ली गई। रात को ही बुधवार सुबह के लिए सरकार ने आनन-फानन में मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई और बुधवार को ठेकेदारों के हित में फैसले लेने पड़े। दूसरी ओर बर्फबारी के बाद सड़कों की हालत खराब होने पर इनकी मरम्मत के लिए जनता का भी सरकार पर दबाव था।

पहले प्रदेश सरकार डब्ल्यू एक्स फार्म की सख्ती को लेकर कानूनी पेच बताती रही, जब ठेकेदारों ने एकजुट होकर सचिवालय का घेराव करने की बात कही तो सरकार को उनकी मांगें माननी पड़ी। राज्य में जयराम सरकार का चुनावी वर्ष है। ऐसे में कई नेता ठेकेदारों को नाराज भी नहीं करना चाहते हैं।

चूंकि कई ठेकेदार नेताओं के करीबी भी हैं। प्रदेश मेें इन ठेकेदारों की संख्या 20 हजार के करीब है। लोक निर्माण विभाग के अलावा शहरी विकास, ग्रामीण विकास आदि विभिन्न विभागों और निगम-बोर्डों के ठेकेदार यूनियनें भी समर्थन में आई।

निर्धारित समय से पहले बुलानी पड़ी कैबिनेट बैठक

– प्रदेश सरकार की ओर से मंत्रिमंडल की बैठक 14 फरवरी को होनी तय थी, ठेकेदारों के दबाव के चलते सरकार को निर्धारित समय से पहले 9 फरवरी को ही यह बैठक करनी पड़ी।

कैबिनेट में समय पर नहीं पहुंच पाए मंत्री

– मंत्री सरवीण चौधरी और गोविंद कैबिनेट की बैठक में देरी से पहुंचे हैं। वन मंत्री राकेश पठानिया और विक्रम ठाकुर बैठक में नहीं पहुंच पाए। देर शाम को मुख्यमंत्री कार्यालय से मंत्रियों को कैबिनेट की बैठक की सूचना दी गई। ऐसे में अपने हलकों में डटे मंत्रियों को रात को ही शिमला का रुख करना पड़ा।

Originally posted 2022-02-09 23:06:02.