Sep 16, 2024
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गौ संवर्धन एवं गोवंश संरक्षण योजना को पलीता व संचालकों को प्रताड़ित कर रहे पशुपालन विभाग: नाथूराम

गौ संवर्धन एवं गोवंश संरक्षण योजना को पलीता व संचालकों को प्रताड़ित कर रहे पशुपालन विभाग: नाथूराम

हिमाचल प्रदेश में गौ संवर्धन एवं गोवंश संरक्षण के लिए भले ही योजनाएं चलाई जा रही है मगर सरकारी विभाग सरकार की योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं प्रदेश गौ सेवा आयोग ने बेसहारा गायों और गोवंश के संरक्षण के लिए गौशालाओं को ₹500 प्रति गाय अनुदाUन का प्रावधान किया है लेकिन जमीनी स्तर पर यह योजना सफेद हाथी साबित हो रही है।

. वही शराब इत्यादि से एकत्रित करोड़ों रुपए के टैक्स से अभी तक ना तो सभी पंचायतों में गौशालाओं का निर्माण हो पाया है और ना ही सड़कों पर घूम रहे को बेसहारा गोवंश की व्यवस्था सरकारी को सदनों का गांव सेंचुरिज में हो पाई है

पांवटा साहिब में श्री सत्यानंद गोधाम सरकारी योजना के असफलता का जीवंत उदाहरण बन गया है गोधाम के संचालक सचिन ओबरॉय ने यहां पत्रकार वार्ता कर सरकारी दावों की पोल खोलते हुए बताया कि पशुपालन विभाग की ही सलाह पर वे पिछले 7 महीनों से अनुदान के लिए विभाग के चक्कर काट रहे हैं लेकिन इनका मामला तिल भर भी आगे नहीं बढ़ पाया।

अखिल विश्व गौ एवं गोवंश संरक्षण एवं संवर्धन के संयोजक नाथूराम चौहान ने विभाग की कारगुजारीओं का खुलासा किया नाथूराम चौहान ने कहा कि श्री सत्यानंद गोधाम को अनुदान मिलना चाहिए था लेकिन जिम्मेदार विभाग अनुदान देने में लगातार आनाकानी कर रहा है ऐसे हालात में तंग आकर गोधाम के संचालक सचिन ओबरॉय ने अनुदान लेने से ही इनकार कर दिया है

सचिन ओबरॉय ने कहा की अनुदान देने के नाम पर उनका बहुत उत्पीड़न हुआ है उन्होंने गो भक्तों से आग्रह किया कि अपने दम पर गौ सेवा का बीड़ा उठाएं सरकारी योजनाओं के भरोसे ना रहें सरकारी विभागों में सिर्फ उत्पीड़न ही हाथ लगेगा सरकारी उत्पीड़न से दुखी सचिन ओबरॉय ने जिम्मेदार विभागों को चुनौती दी के ₹500 का सरकारी अनुदान लेकर अपने घरों में बेसहारा गोवंश की सेवा करें और खुद को सरकार और समाज का सेवक और गौ भक्त साबित करें।

अखिल विश्व गोवंश संरक्षण एवं संवर्धन परिषद के संयोजक नाथूराम चौहान ने सिस्टम को फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार और विभागों को शर्म आनी चाहिए जिसको वंश और गो के नाम पर वोट मांग कर राजनीति करते हैं उस गोवंश को सड़कों पर बेसहारा दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ा हुआ है।

उन्होंने हैरानी जताई कि यदि कोई गौ भक्त गो एवं गोवंश संरक्षण के लिए प्रयास करता है तो उसे सरकारी विभागों द्वारा इस कदर प्रताड़ित किया जाता है कि वह अनुदान लेने से ही मना कर देता है.

Originally posted 2021-09-03 02:41:31.