Sep 8, 2024
HIMACHAL

हिमाचल: शनिवार को हो सकता है मंत्रिमंडल का विस्तार

हिमाचल: शनिवार को हो सकता है मंत्रिमंडल का विस्तार, इन विधायकों का मंत्री बनना लगभग तय

न्यूज़ देशआदेश

हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार 7 जनवरी को हो सकता है। गुरुवार को विधानसभा सत्र दूसरे दिन के बाद मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू धर्मशाला से दिल्ली रवाना हो गए। देर शाम उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला से मुलाकात कर संभावित मंत्रियों को लेकर चर्चा की।

शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री धर्मशाला लौटेंगे। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के बाद मुख्यमंत्री सदन में अपना जवाब देंगे। शुक्रवार शाम को उनके शिमला लौटने का कार्यक्रम है।

मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना को देखते हुए राजभवन सचिवालय शपथ की तैयारियों में जुट गया है। शुक्रवार को शपथ समारोह के आयोजन की आधिकारिक घोषणा हो सकती है। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने 7 जनवरी को गोवा जाना था। अब राज्यपाल ने अपने टूअर को एक दिन टाल कर 8 जनवरी कर दिया है। 8 से 12 जनवरी तक राज्यपाल प्रदेश से बाहर रहेंगे। वीरवार दोपहर बाद राज्यपाल धर्मशाला से शिमला लौटे।

इन विधायकों का मंत्री बनना लगभग तय

जिला कांगड़ा से सुधीर शर्मा, चौधरी चंद्र कुमार, जिला सिरमौर से हर्षवर्द्धन चौहान, किन्नौर से जगत सिंह नेगी, बिलासपुर से राजेश धर्माणी और कुल्लू से सुंदर ठाकुर का मंत्री बनना लगभग तय है। जिला शिमला से विक्रमादित्य सिंह, रोहित ठाकुर और अनिरुद्ध सिंह के बीच कड़ा मुकाबला चला हुआ है। सोलन से धनीराम शांडिल और रामकुमार चौधरी भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं।

वहीं, प्रदेश सरकार के इतिहास में छठी बार राज्य मंत्रिमंडल में एक भी महिला मंत्री नहीं होगी। वर्ष 1967, 1980, 1985 1990 और 1998 में बनी सरकारों में भी आधी आबादी की मंत्रिमंडल में भागीदारी नहीं थी। 1985 में वीरभद्र सिंह की अगुवाई में बनी कांग्रेस सरकार में विद्या स्टोक्स को विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। 1990 में भाजपा के मुख्यमंत्री शांता कुमार ने लीला शर्मा और 1998 की सरकार में मुख्यमंत्री प्रो. प्रेमकुमार धूमल ने उर्मिल ठाकुर को संसदीय सचिव बनाया था।

1967 की वाईएस परमार सरकार और 1980 से 1983 तक ठाकुर रामलाल और वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में बनी सरकार में महिला विधायकों को कोई भी प्रतिनिधित्व नहीं मिला था। 1972, 1977, 1993, 2003, 2007, 2012 और 2017 में बनी सरकारों में महिलाएं मंत्री बनती रही हैं।

इस बार हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर एक भी महिला प्रत्याशी जीत दर्ज नहीं कर सकी है।

डलहौजी से आशा कुमारी, मंडी से चंपा ठाकुर और पच्छाद से दयाल प्यारी ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था।