भारत हिंदू राष्ट्र और यहां सब हिंदू, यह मजहब नहीं..:योगी.
सीएम योगी बोले: भारत हिंदू राष्ट्र और यहां सब हिंदू
हज के लिए जाने वाले शख्स का संबोधन वहां हिंदू से होता है, तब किसी को परेशानी नहीं होती है:सीएम योगी
रामचरित मानस पढ़ा होता, तो नहीं देते ऐसे बयान
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र है और यहां का हर नागरिक हिंदू है। साथ ही कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हिंदू कोई मजहब या संप्रदाय नहीं है। यह एक सांस्कृतिक शब्दावली है, जो हर नागरिक पर फिट बैठती है।
एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि भारत का कोई व्यक्ति हज के लिए जाता है, तो उसका संबोधन हिंदू से होता है। वो हिंदू नाम से जाना जाता है। वहां भारत से जाने वाले शख्स को न मुस्लिम और न हाजी कहा जाता है। वहां उसको हिंदू नाम से संबोधित किया जाता है तो वहां किसी को परेशानी नहीं होती है। इस परिप्रेक्ष्य में में अगर आप देखें तो भारत हिंदू राष्ट्र ही है। योगी ने कहा कि हिंदू राष्ट्र से किसी को परहेज नहीं होना चाहिए। अगर आप इसको मजहब या संप्रदाय के साथ जोड़ रहे हैं तो इसका मतलब है कि हिंदू की परिभाषा को समझने में गलती कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र था, है और आगे भी रहेगा।
उन्होंने कहा कि संविधान के प्रति हर नागरिक के मन में सर्वोच्च सम्मान होना चाहिए, क्योंकि वही हमारा मार्गदर्शक है। सीएम योगी ने कानपुर की घटना पर कहा कि ये दुखद घटना है और मामले की जांच की जा रही है। इस मामले में रिपोर्ट के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
यह पूछे जाने पर कि अखिलेश यादव कह रहे हैं कि आपके (योगी के) राज में ब्राह्मणों को प्रताड़ित किया जा रहा है, इस पर सीएम योगी ने कहा कि उन्होंने अपने संस्कारों को प्रदर्शित किया है। जिन लोगों ने रामचरित मानस की प्रतियां फाड़ी हैं, वे क्या उपदेश देंगे।
मैं अपने लिए कुछ नहीं करता
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वह बिल्कुल वैसे ही हैं, जैसे 2017 के पहले थे। उन्होंने कहा, मेरे कपड़े वैसे ही हैं, मेरा व्यवहार वही है, सिर्फ अलग-अलग जगहों पर अलग भूमिका होती है।
इसलिए इन अलग जगहों पर अलग रूप में नजर आते हैं। उन्होंने आगे कहा, मैं अपने लिए कुछ नहीं करता हूं। मेरा सारा जीवन देश और समाज के लिए है।
रामचरित मानस पढ़ा होता, तो नहीं देते ऐसे बयान
रामचरित मानस पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर योगी ने कहा कि जिन लोगों ने रामचरित मानस और भगवान श्रीराम के बारे में कुछ जाना नहीं है,
उनकी इस तरह की टिप्पणी को सूरज को टॉर्च दिखाने जैसा है। मानस में निषाद-राज पर चर्चा है, महिला के रूप में शबरी की भी चर्चा है। अगर इन लोगों ने रामचरित मानस को पढ़ा होता तो इस तरह की बातें नहीं करते।