एलएमवी लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति चला सकता है परिवहन या गैर परिवहन वाहन
HP High Court: एलएमवी लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति चला सकता है परिवहन या गैर परिवहन वाहन
देशआदेश
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एलएमवी लाइसेंस के बारे में अहम व्यवस्था दी है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने निर्णय सुनाया है कि एलएमवी लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति परिवहन या गैर परिवहन वाहन को चला सकता है। इसके लिए लाइसेंस में एलएमवी गैर परिवहन दर्ज करवाने की आवश्यकता नहीं है।
न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने यह आदेश ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी की अपील का निपटारा करते हुए दिए। कंपनी ने कर्मचारी मुआवजा अधिनियम के तहत आयुक्त सरकाघाट जिला मंडी के आदेश को चुनौती दी थी।
राज पॉल को चंद्र कुमार ने चालक के रूप में तैनात किया था। यह वाहन 3 दिसंबर 2003 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें चालक की मृत्यु हो गई।
मृतक राज पॉल का लाइसेंस केवल मोटरसाइकिल, स्कूटर के साथ-साथ हल्के मोटर वाहन (एलएमवी) गैर-परिवहन के लिए वैध था। दुर्घटना में शामिल वाहन एक माल ढोने वाला वाणिज्यिक वाहन था जो मोटर वाहन अधिनियम के तहत एलएमवी की श्रेणी में आता है।
अपीलार्थी बीमा कंपनी ने 6 फरवरी 2003 से 5 फरवरी 2004 तक वैध बीमा पॉलिसी का प्रमाणपत्र-सह-पॉलिसी सुनील वर्मा के पक्ष में जारी किया गया था।
बीमा कंपनी की ओर से दलील दी गई कि राज पॉल को चंद्र कुमार ने तैनात किया था, जबकि वाहन का मालिक सुनील था, जिसके नाम पर बीमा पॉलिसी जारी की गई थी।
तर्क दिया गया कि एलएमवी (गैर परिवहन) के लिए वैध लाइसेंस धारक होने के नाते चालक दुर्घटनाग्रस्त पिकअप को चलाने के लिए अधिकृत नहीं था, जोकि एक परिवहन वाहन की श्रेणी में आता है। दावेदारों की ओर से दलील दी गई थी कि मृतक राज पॉल को चंद्र कुमार ने तैनात किया था, जोकि वाहन का वास्तविक मालिक था।
राज पॉल का चंद्र कुमार के बीच नियोक्ता और कर्मचारी का संबंध एक स्वीकृत तथ्य है।
दलील दी गई कि मोटर वाहन अधिनियम तहत स्वामित्व के हस्तांतरण के साथ उससे संबंधित बीमा की नीति को उस व्यक्ति के पक्ष में स्थानांतरित किया गया माना जाएगा, जिसे मोटर वाहन से प्रभावी रूप से स्थानांतरित किया गया है।
अदालत ने पाया कि मृतक को एलएमवी चलाने के लिए गैर परिवहन के पृष्ठांकन के साथ लाइसेंस जारी किया गया था। अदालत ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम में लाइसेंस पर एलएमवी गैर परिवहन वाहन दर्ज करने का कोई प्रावधान नहीं है।
अदालत ने कर्मचारी मुआवजा अधिनियम के तहत आयुक्त की ओर से सुनाए गए निर्णय को सही ठहराते हुए बीमा कंपनी की अपील को खारिज कर दिया।