Sep 8, 2024
LOCAL NEWS

25 हजार रुपये क्विंटल बिक रहे बबूने के फूल, दिल्ली से सीधे किसानों के खेतों में पहुंच रहे आढ़ती

25 हजार रुपये क्विंटल बिक रहे बबूने के फूल, दिल्ली से सीधे किसानों के खेतों में पहुंच रहे आढ़ती

कई औषधीय गुणों से भरपूर है फूल

 

फूलों की खेती के प्रति बढ़ रहा रुझान

 

देशआदेश

 

सिरमौर के फूलों की राष्ट्रीय राजधानी में मांग काफी बढ़ गई है। जिले के ट्रांसगिरि इलाके में उगाए जाने वाले बबूने का फूल (कैमोमाइल) 10,000 से 25,000 रुपये क्विंटल घर बैठे ही बिक रहा है। वहीं, किसानों के खेतों से माल सीधा दिल्ली के गाजीपुर पहुंच रहा है। आढ़ती माल लेने के लिए गाड़ियां दिल्ली से सीधे गांव में भेज रहे हैं।

खास बात यह है कि दिल्ली पहुंचते ही माल साथ के साथ ही बिक रहा है और किसानों को राशि का भुगतान भी साथ के साथ ही ऑनलाइन किया जा रहा है। किसानों को अपने उत्पाद के अच्छे दाम मिल रहे हैं, जिससे किसान मालामाल हो रहे हैं इस फूल की खेती चुनवी, नौहराधार, चौरास, चाढ़ना, पनोग, घंडूरी, शमोगा, देनामानल और बोगधार आदि क्षेत्रों में उगाया जा रहा है।

चुनवी गांव के गोपाल सूर्या ने बताया कि उन्होंने एक बीघा हिस्से में पहली बार बबूने की खेती की है। इसका एक तूड़ान कर चुके हैं। एक पौधा पांच से छह बार फूल दे रहा है। जनवरी में बीज की पनीरी लगाई थी। फरवरी माह में खेतों में रुपाई की। अप्रैल माह में फूल देने शुरू किए। ये सीजन अगस्त तक चलेगा, जिसके उन्हें लहसुन और अदरक से भी काफी बेहतर दाम मिल रहे हैं।

 

कई औषधीय गुणों से भरपूर है फूल
बबूने के फूलों में कई औषधीय गुण हैं। इसी वजह से इसे रामबाण दवा भी कहा जाता है। कम सिंचित होने वाली जगहों पर भी इसकी खेती आसानी से की जा सकती है। इसे उत्तरप्रदेश के हमीरपुर और बुंदेलखंड जिलों की बंजर भूमि में भी बड़े स्तर पर उगाया जा रहा है। बबूने के फूलों में दिमाग को शांति पहुंचने वाली लाजवाब खुशबू होती है।

 

फूलों की खेती के प्रति बढ़ रहा रुझान
उद्यान विभाग सिरमौर के उपनिदेशक डॉ. सतीश शर्मा ने बताया कि जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में फूलों की खेती के प्रति किसानों का रुझान काफी बढ़ रहा है। 25 फीसदी किसान पोली हाउस से ही फूलों की खेती कर रहे हैं, जबकि 50 फीसदी किसान खुले खेतों में खेती कर रहे हैं। किसानों को इन फूलों के दाम भी अच्छे मिल रहे हैं। मैदानी इलाकों के मुकाबले पहाड़ों में फूलों की अच्छी पैदावार हो रही है।

 

वहीं

हिमाचल में भांग की खेती की अपार संभावनाएं हैं- राजस्व मंत्री

नाहन।  राजस्व, उद्यान एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में आज शनिवार को औषधीय, वैज्ञानिक एंव औद्योगिक उददेश्य के लिए भांग के पौधे की खेती को वैध करने के लिए सिफारिश हेतु गठित कमेटी अपने उत्तराखंड के स्टडी टूर के दौरान नाहन पहुंची।

समिति के सदस्यों मंे मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर, विधायक हंसराज, विधायक जनकराज, विधायक पूर्ण चंद ठाकुर, विधायक सुरेन्द्र शौरी, विधायक केवल सिंह पठानिया, सदस्य सचिव अतिरिक्त आयुक्त आबकारी एवं कराधान डा. राजीव डोगरा एवं विशेष आमंत्रित सदस्य एडवोकेट देवेन कृष्ण खन्ना शामिल रहे।

राजस्व मंत्री एवं समिति के अध्यक्ष जगत सिंह नेगी ने सर्किट हाउस नाहन में एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान बताया कि समिति उत्तराखंड के मुख्य स्थलों का भ्रमण कर यह पता लगाएगी कि भांग की खेती को किस प्रकार से औषधीय, वैज्ञानिक और औद्योगिक उदेदश्य के लिए प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रवास के दौरान भांग की खेती से प्राप्त होने वाले राजस्व तथा लोगों को मिलने वाले रोजगार की जानकारी भी समिति प्राप्त करेगी।

उन्होंने कहा कि हिमाचल में भांग की खेती की अपार संभावनाएं हैं और औषधीय, वैज्ञानिक एंव औद्योगिक उददेश्य के लिए भांग के पौधे की खेती को वैध करने के लिए समिति व्यापक स्तर पर स्टडी करने के साथ लोगों से फीड बैक भी प्राप्त कर रही है।