सिरमौरीताल में कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया कि 10 मिनट के भीतर सब कुछ खत्म:विनोद
विनोद ने मसेरी बहन को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया, पर पीछे खो दिए अपने परिजन
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हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के सिरमौरी ताल में कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया कि 10 मिनट के भीतर सब कुछ खत्म हो गया। मां-बाप रहे न पत्नी और न ही दो मासूम बच्चे। इस परिवार में सिर्फ विनोद बचे हैं, जो किसी जिंदा लाश से कम नहीं हैं। मलबे में दफन अपनों के शव निकलते ही विनोद बेसुध हो गए। रो-रो कर उनका बुरा हाल है। एक हंसता-खेलता परिवार चंद मिनटों में ही तबाही की भेंट चढ़ गया।
बुधवार देर शाम मुगलावाला पंचायत के सिरमौरी ताल से ऊपर मालगी पंचायत के जंगल में कहीं बादल फटने की घटना के दौरान विनोद अपने मामा की लड़की और उसके बच्चों को सुरक्षित स्थान पर छोड़ने घर से 100 मीटर दूर गए थे। इस बीच जैसे ही वह वापस पहुंचे तो हर तरफ मलबा था।
उनका घर, गोशाला मलबे में दफन हो गई थी। इस मंजर के बीच विनोद के चिल्लाने की आवाज सुन जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो सब कुछ खत्म हो चुका था। घर में अपने बूढ़े मां-बाप, पत्नी और बच्चे भी इसी मलबे की भेंट चढ़ चुके थे। घर का नामोनिशान मिट गया था। अंधेरे में विनोद समेत ग्रामीण अपनों को मलबे के ढेर में तलाशते रहे, लेकिन कौन कहां और कैसी हालत में पड़ा है, इसका पता नहीं लग सका।
घर छोड़ने के लिए कुलदीप को किया फोन
ताल गांव के ग्रामीण जागर सिंह ने बताया कि जंगल में बादल फटने की आवाज सुनते ही उन्होंने विनोद के पिता कुलदीप को फोन किया कि वह परिवार लेकर उनके घर पर आ जाएं, जो घटनास्थल से 200 मीटर दूरी पर था। फोन रखने के पांच मिनट के भीतर जंगल से आए भारी सैलाब ने कुलदीप के घर का नामोनिशान मिटा दिया।
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