Jan 31, 2025
HIMACHAL

हिमाचल में 1 जनवरी से ग्रेड एक और दो अधिकारियों की बिजली सब्सिडी बंद

हिमाचल में 1 जनवरी से ग्रेड एक और दो अधिकारियों की बिजली सब्सिडी बंद, ऊर्जा विभाग की बैठक में फैसला

Power subsidy of grade one and two officials in Himachal Pradesh will be stopped from January 1

हिमाचल में एक जनवरी से ग्रेड एक और दो अधिकारियों को बिजली सब्सिडी नहीं मिलेगी। इन उपभोक्ताओं को पूरी दरों के हिसाब से बिल चुकाना होगा। यह फैसला सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में हुई ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में लिया गया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बोर्ड की कार्यप्रणाली में नवोन्मेषी उपायों का समावेश करने के निर्देश दिए।

बोर्ड की मजबूती के लिए 100 करोड़ का अतिरिक्त कॉर्पस फंड भी प्रदान करने का फैसला लिया। सीएम ने कहा कि बोर्ड की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार निरंतर समीक्षा क रही है। हाल ही में उद्योग एवं व्यावसायिक उपभोक्ताओं के संबंध में विद्युत दरों में युक्तिकरण किया है, इससे लगभग 500 करोड़ रुपये वार्षिक अतिरिक्त आय सुनिश्चित हुई है। प्रदेश की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वित्तीय अनुशासन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी कड़ी में ग्रेड वन और टू के सरकारी अधिकारियों को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी बंद करने का फैसला लिया है।

जल्द होंगी लाइनमैन और टी-मेट की भर्तियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्युत बोर्ड में लाइनमैन और टी-मेट की भर्तियां जल्द की जाएंगी ताकि फील्ड स्टाफ की कमी को दूर किया जा सके। समुचित फील्ड स्टाफ की तैनाती से विद्युत आपूर्ति सेवा में गुणवत्ता भी सुनिश्चित होगी। अधिकारियों को स्टाफ का युक्तिकरण करने के लिए योजना बनाने के निर्देश भी दिए।आगामी दिनों में अन्य उपभोक्ताओं को लेकर होंगे फैसले
अधिकारियों ने बताया कि आयकर चुकाने वाले उपभोक्ताओं की सब्सिडी बंद करने को लेकर की जा रही प्रक्रिया के तहत ही यह पहला फैसला है। आने वाले दिनों में अन्य उपभोक्ताओं को लेकर भी फैसले लिए जाएंगे। एक परिवार को एक ही बिजली मीटर पर सब्सिडी देने की प्रक्रिया भी जारी है। इसको लेकर ई केवाईसी कर रिकॉर्ड एकत्र किया जा रहा है।

Guest Teacher Policy: शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर बोले- गेस्ट टीचर रखना अस्थायी व्यवस्था, इस वजह से लिया फैसला

Education Minister Rohit Thakur said that hiring guest teachers is a temporary arrangement

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि गेस्ट टीचर रखना एक अस्थायी व्यवस्था है। शिक्षण संस्थानों में निरंतर पढ़ाई जारी रखने को यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि सीधी भर्ती से शिक्षकों के रिक्त पदों को भरना कांग्रेस सरकार की पहली प्राथमिकता है। पूर्व सरकार की नीतियों पर शिक्षा मंत्री ने सवाल उठाते हुए बेवजह इस मामले को तूल नहीं देने का आग्रह किया है।

सोमवार को राज्य सचिवालय में मीडिया से बातचीत में शिक्षा मंत्री ने कहा कि गेस्ट टीचर भर्ती के लिए पहले एसओपी बनेगी। गेस्ट टीचरों का पैनल बनाकर उन्हें पढ़ाने के लिए बुलाया जाएगा। राज्य सरकार कम विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूल और कॉलेजों को मर्ज करने पर भी विचार कर रही है। शिक्षण संस्थानों में आवश्यकता से अधिक शिक्षकों का युक्तिकरण करने का फैसला लिया है।

इसके तहत जिन स्कूलों में आवश्यकता से ज्यादा शिक्षक नियुक्त हैं, उन्हें अन्य स्कूलों में भेजा जाएगा। जिन संस्थानों में शिक्षकों के पद रिक्त रहेंगे, वहीं पर गेस्ट टीचर लगाए जाएंगे। यदि कोई शिक्षक अवकाश पर जाता है तो भी गेस्ट टीचर पर रखे जाएंगे। इन शिक्षकों को पीरियड आधार पर पैसा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस योजना का मकसद है कि स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई में एक दिन भी बाधा न आए। राज्य सरकार शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए प्रयासरत है। पूर्व सरकार के समय स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल था। शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग में छह हजार पदों को भरने की मंजूरी दी थी। करीब 3200 पदों को भरा जा चुका है। 2800 पदों को राज्य चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से भरा जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जल्द ही आयोग को इसका प्रस्ताव तैयार करके भेजा जाएगा।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से प्रवक्ताओं के पदों को भरने के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। इसका परिणाम घोषित किया जा चुका है। उच्च शिक्षा विभाग में 1500 पदों को पदाेन्नति, सीधी भर्ती व बैच वाइज आधार पर भरा है।

अभी आयोग ने 5 विषयों का परिणाम घोषित किया है। विभाग को निर्देश जारी कर दिए हैं कि जल्द ही नियुक्तियां दे दी जाए। कालेजों में भी खाली पदों को भरा जा रहा है।