उद्योगों की एक रुपये की सब्सिडी बंद करने के फैसले को चुनौती
HP High Court: उद्योगों की एक रुपये की सब्सिडी बंद करने के फैसले को चुनौती, 2 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
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हिमाचल प्रदेश में बड़े उद्योगों को प्रति यूनिट बिजली पर एक रुपये की सब्सिडी को बंद करने के फैसले को चुनौती दी गई है। अदालत ने राज्य सरकार सहित बिजली बोर्ड को भी अपना जवाब दायर करने के आदेश दिए हैं। अगली सुनवाई 2 जनवरी को होगी।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में बड़े उद्योगों को प्रति यूनिट बिजली पर एक रुपये की सब्सिडी को बंद करने के एकल न्यायाधीश के फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी गई है। उद्योगों की ओर से उड़ीसा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश व वरिष्ठ अधिवक्ता एस मुरलीधर पेश हुए।
उन्होंने अपनी दलीलों में कहा कि सरकार की ओर से 3 मार्च 2024 को जारी अधिसूचना तर्कसंगत नहीं है। इसके तहत राज्य सरकार ने बड़े उद्योगों को मिलने वाली 1 रुपये की सब्सिडी को वापस लेने का निर्णय लिया था। उन्होंने अदालत को बताया कि राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने बिना सोचे-समझे ही राज्य सरकार की ओर से जारी सब्सिडी बंद करने की अधिसूचना को लागू कर दिया है।
मंगलवार को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नौकरियों पर बड़ा फैसला आ सकता है।
हिमाचल प्रदेश में करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नौकरियों पर मंगलवार को बड़ा फैसला हो सकता है। मंगलवार को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में इस मामले को सुलझाने के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी की बैठक होगी।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी और युवा सेवा एवं खेल मंत्री यादवेंद्र गोमा भी बैठक में मौजूद रहेंगे। बीते 2 साल से नौकरियों के लिए संघर्षरत सैकड़ों करुणामूलक आश्रित युवाओं को इस बैठक से राहत मिल सकती है।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि करुणामूलक आश्रितों के लिए सरकारी नौकरी की राह आसान करने के लिए कई नियमों में छूट देने की तैयारी है। इसके तहत वार्षिक आयसीमा में बढ़ोतरी की जा सकती है। एक बार रिजेक्ट केस पर दोबारा विचार न करने की शर्त को भी वापस लिया जा सकता है।
वन टाइम सेटलमेंट के तहत हजारों आश्रितों को राहत देने की कैबिनेट सब कमेटी ने योजना बनाई है। मंगलवार को होने वाली बैठक में कमेटी की सिफारिशों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा।
उच्च अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने करुणामूलक आधार पर नौकरी का इंतजार कर रहे लोगों का विभागों से ब्योरा कुछ माह पूर्व तलब किया था।
सरकार एक नई करुणामूलक रोजगार नीति बनाने पर विचार कर रही है। सेवा के दौरान अपने परिवार के सदस्यों को खोने वाले लोगों को रोजगार देने के लिए उदार और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण से कार्य किया जा रहा है।