सिरमौर में गेहूं उत्पादन में आई 50 फीसदी की कमी
सिरमौर में गेहूं उत्पादन में आई 50 फीसदी की कमी
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जनपद सिरमौर में इस साल गेहूं उत्पादन में भारी गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि निर्धारित लक्ष्य भी इस साल पूरा नहीं हो पाया है।
हालांकि, इसके कई कारण हैं। पहला यह कि समय पर बारिश न होने से गेहूं की पैदावार अच्छी नहीं हो सकी। यहां तक कि सिंचाई वाले इलाकों में भी पैदावार पर असर पड़ा। नतीजतन इस बार गेहूं की पैदावार में 50 फीसदी तक की कमी आई है।
कृषि विभाग ने इस साल जिले में 50 से 60 हजार क्विंटल गेहूं की पैदावार का लक्ष्य रखा था। गेहूं की खरीद के लिए एफसीआई ने जिले में तीन खरीद केंद्र बनाए। हरिपुर टोहाना और धौलाकुआं में बनाई गई अनाज की मंडियों में भी इस मर्तबा बेहद कम गेहूं पहुंची।
औद्योगिक नगरी कालाअंब में बनाए गए खरीद केंद्र में एक भी किसान ने अपनी फसल नहीं बेची। खरीद केंद्रों पर कम किसानों की गेहूं पहुंचने का यह भी कारण रहा है कि एफसीआई ने गेहूं खरीद का मूल्य 2015 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया। इस वजह से कई किसानों ने खुले बाजार में भी अपनी फसल बेची। खुले बाजार में गेहूं का मूल्य 2100 से 2200 रुपये तक मिला। इस कारण कालाअंब केंद्र में एक भी किसान नहीं पहुंचा। यहां के किसानों ने खुले बाजार में फसल विक्रय की।
बता दें कि जनपद सिरमौर में हर किसान गेहूं की खेती से जुड़ा है। सिरमौर का 70 फीसदी किसान बारिश पर निर्भर है। जबकि 30 फीसदी किसानों के पास सिंचाई सुविधा उपलब्ध है। इस साल पर्याप्त नमी न मिलने और सूखे से गेहूं की पैदावार प्रभावित हुई।
कृषि उपनिदेशक राजेंद्र ठाकुर ने बताया ने माना कि इस साल गेहूं की पैदावार काफी कम हुई है। पिछले साल 36 हजार क्विंटल गेहूं की खरीद हुई थी। उत्पादन इस साल 50 हजार क्विंटल रखा था। अनाज मंडियों में इस साल 18 हजार क्विंटल खरीद हुई है। 652 किसानों ने अनाज मंडियों में गेहूं बेची है। पूरे उत्तर भारत में ही गेहूं की पैदावार में गिरावट आई है।