Sep 16, 2024
HIMACHAL

विकास में जन सहयोग कार्यक्रम का बजट अब दूसरे कामों में इस्तेमाल नहीं

विकास में जन सहयोग कार्यक्रम का बजट अब दूसरे कामों में इस्तेमाल नहीं, सरकार ने लिया फैसला

 

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने विकास में जन सहयोग कार्यक्रम के बजट खर्च के मामले में जयराम सरकार का तीन साल पुराना फैसला पलट दिया है।

अब वर्ष 2018 से पहले के इस कार्यक्रम के अनखर्चे बजट को अन्य कार्यों में नहीं खर्चा जाएगा। इसे सुक्खू सरकार ने इस कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों के विरुद्ध माना है।

कुछ अधिकारियों ने यह मामला मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के ध्यान में लाया था।

मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद अब यह निर्णय लिया गया है।  अभी भी बहुत से क्षेत्रों में पुराना स्वीकृत करोड़ों रुपये का बजट बिना खर्च किए पड़ा है।

 

इस कार्यक्रम में विकास कार्यों के लिए सामुदायिक और निजी अंशदान की भागीदारी ग्रामीण क्षेत्रों में 25 प्रतिशत व शहरी क्षेत्रों में 50 प्रतिशत होती है। बाकी बजट सरकार खर्च करती है। यह कार्यक्रम सामुदायिक कार्यों के लिए है।

28 सितंबर 2020 को जयराम सरकार ने पांच अलग-अलग कार्यक्रमों और योजनाओं का किन्हीं कारणों से 31 मार्च 2018 तक का अनखर्चा बजट अन्य कार्यों के लिए व्यय करने के निर्देश जारी किए थे।

लाख रुपये उपायुक्त करवा सकते हैं मंजूर
30 नवंबर 2018 के संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार बाद विकास में जनसहयोग कार्यक्रम में उपायुक्त 40 लाख, योजना सलाहकार 70 लाख, सचिव योजना और वित्त विभाग एक-एक करोड़ रुपये मंजूर करवा सकते हैं।

उससे पहले उपायुक्त को 20 लाख, योजना सलाहकार को 40 लाख, सचिव योजना और वित्त विभाग 75-75 लाख  रुपये मंजूर करवाने की शक्तियां थीं।

ये काम किए जा सकते हैं इसके तहत
स्कूल भवन निर्माण, बहुउद्देश्यीय सामुदायिक परिसंपत्तियां, मोटर योग्य सड़कें, रज्जू मार्ग, सिंचाई, पेयजल स्कीमें, हैंडपंप, प्राथमिक स्वास्थ्य भवन, बिजली की थ्री फेज लाइन, ट्रांसफॉर्मर, सोलर लाइट्स, एंबुलेंस, लावारिस जानवरों के लिए गोसदन आदि।