Sep 16, 2024
HIMACHAL

डॉक्टर को लापरवाह ठहराने का निचली अदालत का फैसला खारिज

डॉक्टर को लापरवाह ठहराने का निचली अदालत का फैसला खारिज

देशआदेश मीडिया

एक चिकित्सक को सिर्फ इसलिए लापरवाह नहीं ठहराया जा सकता कि उसने उपचार का तरीका अपने विवेक से चुना है।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महिला की मौत के लिए डॉक्टर को लापरवाह ठहराने के निचली अदालत के निर्णय को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया।

निचली अदालतों के निर्णयों को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि चिकित्सक केवल तभी जिम्मेदार होगा, जब उसका आचरण उसके क्षेत्र में उचित रूप से सक्षम चिकित्सक के मानक से नीचे होगा।

  हाईकाेर्ट ने यह फैसला राज्य सरकार की ओर निचली अदालत के निर्णय को चुनौती देने वाली अपील पर सुनाया, जिसमें मृतक की बेटी के पक्ष में ब्याज सहित दो लाख साठ हजार देने का आदेश दिया गया था।

 

मामले के अनुसार यह आरोप लगाया गया था कि 3 मार्च 2015 को वादी की मां की मृत्यु जोनल अस्पताल हमीरपुर के डाॅक्टरों और स्टाफ नर्सों की लापरवाही के कारण हुई।

कोर्ट ने पाया कि घटना वाले दिन दोपहर 3.30 बजे तक मृतक को प्रतिवादी डॉक्टर ने देखा, जिसके बाद उसे अपने बीमार पिता की देखभाल के लिए अचानक जाना पड़ा, जिन्हें उसी दिन लकवा का दौरा पड़ा और देखभाल करने वाला कोई नहीं था।

प्रतिवादी डॉक्टर की अनुपस्थिति में उसके बाद समय-समय पर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों की ओर से मरीज का इलाज किया गया।

कोर्ट ने कहा-मरीज की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन तत्कालीन परिस्थितियों में इसे डॉक्टरों की लापरवाही के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।