बरसात में बड़ा झटका खाया, घावों पर मलहम तो लगा पर जख्म भरे नहीं
बरसात में बड़ा झटका खाया, घावों पर मलहम तो लगा पर जख्म भरे नहीं
मानसून की बारिश ने इस बार हिमाचल में भीषण तांडव मचाया। आपदा से 450 से अधिक लोगों की जानें चली गईं और प्रदेश को करीब 13,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। ताश के पत्तों की तरह मकान ढह गए, जिससे हजारों लोग बेघर हो गए।
आपदा के सताए लोग अब तक दूसरों के मकानों में आसरा लिए हैं। ढही गौशालाएं अब तक नहीं बन पाई हैं। दर्जनों सड़कें अभी तक बंद हैं। जो खुल गई हैं, उनकी हालत भी ऐसी है कि अगली बरसात में फिर ढह सकती हैं।
आपदा के बाद से कुल्लू-मनाली में होटल और होम स्टे पर ताले लग गए थे और हजारों लोग बेरोजगार हो गए। इतना सब कुछ होने के बावजूद प्रदेश फिर उठ खड़ा हुआ है।
सड़कें बहाल होने के बाद सैलानी हिमाचल पहुंचने शुरू हो गए हैं। आपदा के बाद क्रिसमस पर पहली बार पांच लाख से अधिक सैलानी घूमने के लिए हिमाचल पहुंचे।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बिलासपुर, हमीरपुर, सोलन और ठियोग सहित अन्य जिलों में आपदा प्रभावितों को राहत राशि के तौर पर करोड़ों रुपये के चेक वितरित कर दिए हैं। प्रदेश सरकार की कोशिशों से आपदा के घावों पर मलहम तो लगा है, पर जख्म अभी पूरी तरह से भर नहीं पाए।
कुल्लू में 565 घर पूरी तरह से हुए क्षतिग्रस्त
समरहिल शिव बावड़ी हादसे में 20 लोग बने काल का ग्रास
चक्की मोड़ में भूस्खलन ने सताया, कई दिन बंद रहा एनएच