राजनैतिक हस्तक्षेप से बढ़ रही दिक्कते, उद्योगों की पलायन की तैयारी
महंगी बिजली और राजनैतिक हस्तक्षेप से बढ़ रही दिक्कते, उद्योगों की पलायन की तैयारी
उद्योग मंत्री ने भी माना, अब मुख्यमंत्री को देंगे लिखित में जानकारी
देशआदेश मीडिया
हिमाचल से कई बड़े उद्योग पलायन कर सकते हैं, जिनमें प्रॉक्टर एंड गेंबल सहित आपस में जुड़े एक दर्जन उद्योगों के नाम हैं। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को लिखित में जाएगी।
इससे पहले उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने ऐसी संभावनाओं को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात की थी। उद्योग मंत्री ने माना है कि उद्योगों पर राजनीतिक दबाव डाला जा रहा, जिससे ऐसी समस्या उत्पन्न हुई है।
राजनीतिक हस्तक्षेप से बढ़ रही दिक्कतें
प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बीबीएन) के उद्योगपति लगातार मंत्री को अवगत करवाते रहे हैं कि यहां विद्युत ड्यूटी अन्य राज्यों से अधिक है। इसके अतिरिक्त राजनीतिक हस्तक्षेप भी बढ़ गया है, जिससे उनके सामने कई कठिनाइयां आ रही हैं। सरकार को सहयोग करना होगा, लेकिन अभी तक मिल नहीं पा रहा। ऐसे में वे कंपनियां कहीं और जगह तलाश रही हैं, जिनका यहां से पलायन का मन बन चुका है।
सरकार ने नहीं सुनी बात तो कर जाएंगे पलायन
महंगी बिजली पर उद्योग जगत के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री से भी बात कर चुके हैं। अन्य राज्य खासकर पंजाब, हरियाणा व उत्तराखंड उद्योगपतियों को यहां से सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध करवा रहे हैं और इनको आकर्षित कर रहे हैं। कुछ कंपनियों के मालिकों ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान से इस संबंध में बातचीत की है।
उन्होंने बताया है कि किस अन्य राज्य में बिजली किस दाम में मिल रही है और वहां से क्या ऑफर आ रहे हैं। क्योंकि इन लोगों ने बड़ा निवेश हिमाचल में कर रखा है। इस कारण वे जाना नहीं चाहते, लेकिन सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी तो पलायन कर जाएंगे।
बीबीएन क्षेत्र में उद्योगपतियों को आ रही दिक्कतें
स्वयं उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान मानते हैं कि उद्योगपतियों का लंबे समय से कहना है कि उन पर राजनीतिक रूप से भी दबाव पड़ रहा है। ऐसा पहले नहीं हुआ जो अब हो रहा है। खासकर बीबीएन क्षेत्र में मौजूद उद्योगपतियों को इस मामले में खासी दिक्कतें हैं।
उद्योग मंत्री का कहना है कि इस तरह के राजनीतिक हस्तक्षेप को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं। इन मामलों को लेकर मुख्यमंत्री को लिखित तौर पर जानकारी देंगे।