Sep 16, 2024
HIMACHAL

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू बोले- बिजली की शेड्यूलिंग से हर साल होगी 200 करोड़ की आय

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू बोले- बिजली की शेड्यूलिंग से हर साल होगी 200 करोड़ की आय

CM Sukhu said Electricity scheduling will generate an income of Rs 200 crore every year

हिमाचल प्रदेश को विद्युत की शेड्यूलिंग और बेहतर लेखा प्रबंधन से प्रतिवर्ष लगभग 200 करोड़ रुपये की आय होगी। केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने विद्युत उत्पादन केंद्रों से मुफ्त विद्युत की शेड्यूलिंग और लेखा प्रबंधन को व्यवस्थित करने के लिए नई प्रक्रिया को स्वीकृति प्रदान की है। यह प्रक्रिया 9 अगस्त से लागू हो जाएगी।

 

 

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रविवार को जारी बयान में कहा कि नई प्रक्रिया के लागू होने के बाद प्रदेश को सेंटर सेक्टर की विद्युत परियोजनाओं से अपनी आधिकारिक मुफ्त बिजली के हिस्से को सीधे उत्पादन केंद्र से बस बार आधार पर बेचने का अधिकार प्राप्त होगा, जिससे विद्युत की सटीक शेड्यूलिंग और लेखांकन हो पाएगा।

सीधे उत्पादन केंद्र से अपने हिस्से की बिजली बेचने से ट्रांसमिशन शुल्क की बचत होगी और अन्य कई तरह के नुकसान भी न्यूनतम होंगे।

हिमाचल में अनेक परियोजनाएं दशकों से कार्यशील हैं। इस प्रक्रिया के लागू होने से राजस्व बचत भी होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आय सृजन के साधनों को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। संसाधनों की बचत और उनके कुशल प्रबंधन के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जा रहे हैं। 

पावर कट से भी मिलेगी राहत
सुक्खू ने कहा कि विद्युत प्रबंधन की इस नई प्रक्रिया के लागू होने से नाथपा-झाकड़ी और रामपुर विद्युत परियोजनाओं में गाद की समस्या आने के दौरान प्रदेश को विद्युत कट का सामना भी नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि इस दौरान राज्य अपने शेड्यूल को संशोधित नहीं कर सकता है।
प्रदेश सरकार इस प्रक्रिया को लागू करने की निरंतर पैरवी कर रही थी। सीईआरसी विनयमन के अनुसार प्रदेश के लिए आवंटित जनरल नेटवर्क एक्सेस 1130 मेगावाट है।
इस सीमा के उपरांत हिमाचल प्रदेश अंतर राज्य उत्पादन केंद्रों से विद्युत का शेड्यूल नहीं कर सकता है, जिससे विद्युत की कटौती होती है।

पिछले वर्ष की इस अवधि के मुकाबले 300 करोड़ की अधिक आय हुईसीएम ने कहा कि राज्य में प्रदेश ऊर्जा प्रबंधन केंद्र हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड, हिमाचल प्रदेश पावर कार्पोरेशन और ऊर्जा विभाग के विद्युत प्रबंधन करने की एकल ट्रेडिंग एजेंसी के रूप में कार्य कर रहा है।

यह केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग और अन्य एजेंसियों से बेहतर समन्वय स्थापित कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में विद्युत प्रबंधन व आय सृजन संसाधनों में निरंतर सुधार सुनिश्चित हो रहा है।
हिमाचल प्रदेश ऊर्जा प्रबंधन केंद्र की ओर से अप्रैल 2024 से जुलाई 2024 तक विद्युत विक्रय से पिछले वर्ष की इस अवधि के मुकाबले सरकार को 300 करोड़ रुपये की अधिक आय हुई है।

होटलों की तर्ज पर चल रहे होमस्टे पर अब अलग टैक्स, कैबिनेट में होगा फैसला

Himachal News Now separate tax on homestays running on the lines of hotels

प्रदेश में शहरी क्षेत्रों के आसपास होटलों की तर्ज पर चल रहे होमस्टे पर सरकार होटलों पर लगने वाला टैक्स लगा सकती है।

 

होमस्टे नियम-2024 का प्रारूप तय करने के लिए सरकार की ओर से गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति इसे लेकर सरकार को सुझाव देने वाली है। सरकार अगर यह फैसला लेती है तो इसका सीधा असर प्रदेश में चल रहे 1,000 से अधिक होमस्टे इकाईयों पर पड़ेगा।

 

मंत्रिमंडलीय उप-समिति का मानना है कि होमस्टे के नाम पर प्रदेश में होटलों की तर्ज पर कारोबार चल रहा है। इससे होटल कारोबारियों का काम प्रभावित हो रहा है जो सरकार को सभी टैक्स देते हैं।

 

होम स्टे योजना ग्रामीण क्षेत्रों में अपने घरों में रहकर सैलानियों को ठहराने और परंपरागत व्यंजन परोस कर स्वरोजगार के लिए बनाई गई है जिसका कुछ व्यवसायी अनुचित लाभ उठा रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक 9 अगस्त को प्रस्तावित थी, लेकिन अब यह 8 अगस्त को दोपहर 12 बजे निर्धारित हुई है।

बैठक में होमस्टे नियम-2024 का प्रारूप तय करने के लिए सरकार की ओर से गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति अपने सुझाव रखेगी। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद होमस्टे नियम-2024 तय किए जाएंगे।

मंत्रिमंडलीय उप-समिति ने लीज पर चल रहे होमस्टे का लाइसेंस रद्द करने का भी निर्णय लिया है। प्रदेश में 4,146 होमस्टे पंजीकृत हैं, जिनमें से करीब 60 फीसदी लीज पर चल रहे हैं।

होमस्टे नियम-2008 के तहत जिस व्यक्ति के नाम लाइसेंस जारी हुआ है, उसे ही होमस्टे का संचालन करना होगा और उसी भवन में रहना होगा, जहां होमस्टे चल रहा है।
प्रदेश में चल रहे एक हजार से अधिक गैर पंजीकृत होमस्टे और बीएंडबी बंद करना भी प्रस्तावित है। पंजीकरण के बाद लाइसेंस की अवधि पांच साल से घटाकर दो साल करने, बाहरी राज्यों के लोगों की ओर से चलाए जा रहे होमस्टे बंद करने, पंजीकरण और नवीनीकरण शुल्क में बढ़ोतरी का भी प्रस्ताव है।

सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी के लिए होम स्टे पर सुविधाओं के आधार पर सेस लगाने पर भी विचार किया जा रहा है।

होम स्टे के साथ बेड एंड ब्रेकफास्ट इकाइयों को भी पर्यटन विभाग की कार्यवाही के दायरे में लाने का भी प्रस्ताव है।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान मंत्रिमंडलीय उप-समिति के अध्यक्ष हैं जबकि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह और नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी उप-समिति के सदस्य हैं।
पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग की निदेशक मानसी सहाय ठाकुर उप-समिति की सदस्य सचिव हैं।
होमस्टे में चल रहे 16,635 कमरे
प्रदेश में संचालित 4,146 होम स्टे के तहत प्रदेश में 16,635 कमरे संचालित हो रहे हैं, जिनकी बेड क्षमता 25511 है। कुल्लू जिले में सबसे अधिक 1,015 होमस्टे पंजीकृत हैं। होम स्टे में डबल बेडरूम की संख्या 12,171 है।