Aug 17, 2025
HIMACHAL

पीजीआई चंडीगढ़ की तर्ज पर हिमाचल के अस्पतालों में लागू होगा प्रोजेक्ट सारथी

Himachal News: पीजीआई चंडीगढ़ की तर्ज पर हिमाचल के अस्पतालों में लागू होगा प्रोजेक्ट सारथी, निर्देश जारी

Project Sarathi will be implemented in Himachal hospitals on the lines of PGI Chandigarh instructions issued

देशआदेश

पीजीआई चंडीगढ़ की तर्ज पर अब हिमाचल के अस्पतालों में भी प्रोजेक्ट सारथी लागू होगा। अस्पतालों में रोगी मार्गदर्शन और युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग इस प्रोजेक्ट पर एक साथ काम करेंगे। प्रोजेक्ट सारथी शुरू होने पर कॉलेजों के एनएसएस, एनसीसी और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स सरकारी अस्पतालों में मार्गदर्शक और सुविधाकर्ता की भूमिका में नजर आएंगे। वीरवार को उच्च शिक्षा निदेशालय ने अभिभावकों की सहमति से प्रिंसिपलों को इच्छुक स्वयंसेवकों की सूची बनाने के निर्देश जारी किए हैं।

स्वास्थ्य सेवा में परिवर्तन लाने और युवा सश् के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रोजेक्ट सारथी के राज्यव्यापी कार्यान्वयन की घोषणा की है। यह एक ऐसी पहल है जिसने पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ में पहले ही असाधारण सफलता हासिल की है। कुशल नेविगेशन, कतार प्रबंधन और रोगियों के प्रतीक्षा समय को कम कर अस्पताल के अनुभव को बेहतर बनाने पर केंद्रित इस परियोजना को अब हिमाचल प्रदेश के सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों में विस्तारित किया जाएगा।

प्रोजेक्ट सारथी को सबसे पहले पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) चंडीगढ़ में शुरू किया गया था। रोगी संतुष्टि, परिचालन दक्षता और युवा भागीदारी को लेकर इसे व्यापक सराहना मिली है। इस परियोजना में प्रशिक्षित छात्र स्वयंसेवक शामिल हैं जो अस्पताल परिसर के भीतर रोगियों और अस्पताल आने वालों को नेविगेशन, सूचना प्रसार और प्रक्रियात्मक मार्गदर्शन में सहायता करते हैं। योजना की सफलता को देखते हुए अब राज्य भर के कॉलेजों के एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना), एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर) और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स (बीएसएंडजी) के छात्रों को शामिल कर इस मॉडल को दोहराने का निर्णय लिया है।

उच्च शिक्षा निदेशालय ने पीजीआईएमईआर द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) सभी संबंधित संस्थानों को भेज दी है। प्रत्येक चिकित्सा संस्थान को संबंधित कॉलेजों और अस्पतालों के प्रमुखों के परामर्श से अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप एसओपी तैयार करने का निर्देश भी दिया गया है। इसके लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं।

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि यह परियोजना हमारी युवा पीढ़ी में जिम्मेदारी और करुणा की भावना पैदा करेगी। हमारे सरकारी अस्पतालों में मरीजों के अनुभव को भी बेहतर बनाया जाएगा।