Sep 5, 2025
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जीएसटी कटौती से 40 से 50 रुपये तक सस्ता होगा सीमेंट

GST 2.0: जीएसटी कटौती से 40 से 50 रुपये तक सस्ता होगा सीमेंट, हिमाचल प्रदेश में पंजाब से महंगे हैं दाम

 

Himachal Pradesh Cement will become cheaper by 40 to 50 rupees due to GST reduction

जीएसटी परिषद ने दिवाली से पहले बड़ा फैसला लेते हुए सीमेंट पर टैक्स को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया है। इस फैसले से पूरे देश के साथ हिमाचल के लोगों को भी राहत मिलेगी। प्रदेश में नई दरें लागू होने से 40 से 50 रुपये तक सीमेंट के दाम कम होने की संभावना है।

प्रदेश में तीन सीमेंट फैक्ट्रियां होने के बावजूद यहां उपभोक्ताओं को पंजाब और अन्य राज्यों से महंगा सीमेंट खरीदना पड़ता है। पिछले दो साल की बात करें तो सीमेंट के दामों में करीब 80 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है। अब टैक्स कटौती से अब प्रति बैग 40 से 50 रुपये तक की राहत मिलने की उम्मीद है। प्रदेश में फिलहाल एसीसी का साधारण सीमेंट 425 से 435 रुपये और गोल्ड 475 से 485 रुपये प्रति बैग बिक रहा है। अल्ट्राटेक का साधारण सीमेंट 420 रुपये और गोल्ड 470 रुपये, जबकि अंबुजा का साधारण 430 रुपये और गोल्ड 480 रुपये प्रति बैग है। नई दरों के लागू होने के बाद दामों में औसतन 10 फीसदी की कमी आएगी। यानी एसीसी का साधारण सीमेंट 382 से 392 रुपये और गोल्ड 427 से 437 रुपये तक आ सकता है। इसी तरह अल्ट्राटेक का साधारण 378 और गोल्ड 423 रुपये जबकि अंबुजा का साधारण 387 और गोल्ड 432 रुपये तक मिलने की संभावना है।

निर्माण की लागत में सीमेंट की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा होती है। जीएसटी दरों में यह कटौती मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग के लिए घर बनाना आसान बनाएगी। खासकर हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों में जहां परिवहन लागत अधिक है, वहां उपभोक्ताओं को सीधा फायदा होगा। सीमेंट के अलावा परिषद ने अन्य निर्माण सामग्रियों पर भी दरें घटाई हैं। संगमरमर और ट्रैवर्टीन ब्लॉकों पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। ग्रेनाइट ब्लॉकों पर भी 12 फीसदी की जगह अब 5 फीसदी जीएसटी लगेगा। रेत-चूने की ईंटें और पत्थर की जड़ाई पर भी टैक्स 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। इन बदलावों से घर बनाने वालों को और राहत मिलेगी। सस्ता सीमेंट और अन्य निर्माण सामग्री मिलने से प्रदेश में निजी निर्माण कार्यों की लागत घटेगी।

फैक्ट्रियां प्रदेश में ही हैं, फिर भी हमें बाहर से ज्यादा महंगा सीमेंट खरीदना पड़ता है। टैक्स घटने से थोड़ी राहत जरूर मिलेगी। मोदी सरकार ने जनहित में फैसला लिया है।- सतीश ठाकुर, प्रधान ग्राम पंचायत बंदला

हम घर बना रहे हैं। अब 40-50 रुपये प्रति बैग कम होने से खर्च में बड़ी बचत होगी। आम आदमी के लिए सीमेंट के दाम कम होना बेहद बड़ा फैसला है।- सुरेश ठाकुर, सामाजिक कार्यकर्ता बिलासपुर।

रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में सीमेंट की लागत बहुत ज्यादा पड़ती है। अब दाम घटने से बिल्डरों के साथ उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा।- विपन ठाकुर, सरकारी ठेकेदार

सीमेंट पर जीएसटी कम करने का केंद्र का फैसला सराहनीय है। वहीं अब प्रदेश सरकार को चाहिए कि हिमाचल में बने सीमेंट पर और रियायत दे। टैक्स कम होना सही कदम है लेकिन सीमेंट फैक्ट्री भी दाम को नियंत्रित करे।- सुशील शर्मा, पूर्व प्रधान ग्राम पंचायत पंजगाईं

हाटी समुदाय को एसटी दर्जा देने को लेकर जारी अधिसूचना पर 11 को सुनवाई

सिरमौर जिले के गिरीपार के हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने को लेकर जारी अधिसूचना पर हिमाचल हाईकोर्ट में अब 11 सितंबर को सुनवाई होगी। मामले की सुनवाई न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ कर रही है। वीरवार को गुर्जर समुदाय ने एसटी दर्जे के खिलाफ अपना पक्ष रखा। गुर्जर समाज की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि हाटी केवल एक क्षेत्रीय नाम है, न कि जातीय।

एसटी का दर्जा देते वक्त उस क्षेत्र की भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक कर्मकांड, संस्कृति और रीति रिवाज जैसी परिस्थितियों को देखा जाता है। जबकि यहां पर ऐसा नहीं हुआ है। जिस क्षेत्र को दर्जा गया है, उसका प्रदेश के दूसरे जिलों में यह रहे लोगों की तरह ही रहन-सहन और जीवन यापन है। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय प्रशिक्षण अनुसंधान संस्थान की ओर से तैयार की गई प्रोजेक्ट रिपोर्ट में यह बताया गया है कि एसटी का दर्जा देते वक्त पुराने डाटा को ध्यान में रखा जाए, लेकिन केंद्र सरकार ने एसटी का दर्जा देते वक्त ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देना प्रस्तावित मापदंडों पर खरा नहीं उतरता। एसटी का दर्जा देने के लिए शैक्षणिक, आर्थिक पिछड़ापन सहित कई मापदंड है, जिसक केंद्र सरकार ने अनदेखा किया।

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