नकली दवाओं को रोकने के लिए समन्वय तंत्र तैयार
Himachal: नकली दवाओं को रोकने के लिए समन्वय तंत्र तैयार, पड़ोसी राज्य मिलकर करेंगे काम

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नकली दवाओं पर अंकुश और एनडीपीएस दवाओं के दुरुपयोग को रोकने को रोकने के लिए हिमाचल प्रदेश के औषधि नियंत्रण प्रशासन ने पहल की है। हिमाचल प्रदेश औषधि नियंत्रण प्रशासन ने पड़ोसी राज्यों के औषधि नियामक प्रमुखों की बैठक चंडीगढ़ के हिमाचल भवन में आयोजित की। इसमें नकली दवाओं की बाजार में उपलब्धता को रोकने के लिए समन्वय तंत्र तैयार किया गया। सभी पड़ोसी राज्य आपस में मिलकर काम करेंगे। हिमाचल के राज्य औषधि नियंत्रक डॉ. मनीष कपूर ने बताया कि यह बैठक मादक प्रभाव डालने वाली दवाओं की अवैध आपूर्ति, नकली दवाओं की समस्या और अंतरराज्यीय समन्वय को और बेहतर बनाने की रणनीति तैयार करने के लिए आयोजित की गई।
हाल ही में स्वास्थ्य सचिव सुधा देवी ने मंत्रिमंडल के समक्ष यह आवश्यकता रखी थी कि ऐसी बैठक आयोजित की जाए जिससे नशीली दवाओं के बढ़ते दुरुपयोग और बाजार में नकली दवाओं की बढ़ती उपलब्धता को रोकने में टीमवर्क को मजबूत किया जा सके। डॉ. कपूर ने बताया कि पड़ोसी राज्यों के बीच आंतरिक समन्वय तंत्र तैयार किया गया है, ताकि नकली दवाओं और मादक दवाओं के अवैध उपयोग के मामलों में निरंतर संवाद बना रहे। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि भारत सरकार को वन नेशन-वन डेडिकेटेड पोर्टल को प्राथमिकता देनी चाहिए, जिसमें मादक प्रभाव डालने वाली दवाओं की निगरानी निर्माण स्तर से लेकर खुदरा स्तर तक की जा सके। यह पोर्टल सभी प्रवर्तन एजेंसियों, औषधि नियंत्रक, पुलिस, सीबीएन, एनसीबी और आबकारी विभाग को उपलब्ध कराया जाए। नियामकों का मानना था कि युवा पीढ़ी को मादक दवाओं और नशा उत्पन्न करने वाले पदार्थों के दुरुपयोग से बचाने के लिए ऐसा पोर्टल आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। यह सभी प्रवर्तन एजेंसियों के लिए उपयोगी उपकरण सिद्ध होगा।
डॉ. कपूर ने बताया कि पिछले महीने डीसीए अधिकारियों ने राज्य सीआईडी की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स के साथ समन्वय करके उन सभी औषधि निर्माण इकाइयों का संयुक्त औचक निरीक्षण किया, जिन्हें मादक प्रभाव डालने वाली दवाओं का निर्माण करने का लाइसेंस प्राप्त है। ऐसे निरीक्षण खुफिया सूचनाओं के आधार पर भविष्य में भी जारी रहेंगे ताकि निर्माण, थोक और खुदरा स्तर पर गतिविधियों की निगरानी की जा सके। मादक दवाओं को अवैध रूप से मोड़ने में लिप्त पाई जाने वाली कंपनियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में जम्मू कश्मीर के राज्य औषधि नियंत्रक लोटिका खजूरिया, पंजाब के नियंत्रक संजीव गर्ग, हरियाणा के ललित गोयल, उत्तराखंड के ताजबर सिंह, उत्तर प्रदेश के अखिलेश जैन के अलावा स्वास्थ्य सुरक्षा एवं वियनयम के निदेशक जितेंद्र संजटा, राज्य सीआईडी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह, हरियाणा के एफडीए के आयुक्त मनोज सिंह, पुलिस अधीक्षक मोहित हांडा ऑनलाइन बैठक में जुड़े।

