विकास मंच ने दिया क्रशर संघ के आरोपों का जवाब, ग्रामीणों का विरोध तेज

विकास मंच ने दिया क्रशर संघ के आरोपों का जवाब, ग्रामीणों का विरोध तेज
बेहतर होता यदि वे साफ छवि दिखाने के लिए खुद सामने आते और प्रभावितों का दुखड़ा सुनते।
देशआदेश
श्री पांवटा साहिब विकास मंच ने स्टोन क्रशर संघ की हालिया प्रेस वार्ता में उठाए गए सवालों का करारा जवाब दिया है। मंच के अध्यक्ष ज्ञान सिंह चौहान के साथ स्थानीय ग्रामीणों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए साफ कहा कि यदि सभी नॉर्म्स पूरे हों, गांव को नुकसान न पहुंचे और बंद पड़ी सिंचाई योजनाएं बहाल की जाएं, तो उन्हें क्रशर संचालन से कोई आपत्ति नहीं होगी। लेकिन यदि स्थिति जस की तस रही, तो ग्रामीण आंदोलन का रास्ता अपनाने से पीछे नहीं हटेंगे।
ग्रामीणों ने हैरानी जताई कि आरोपित क्रशर संचालकों को एक महीना बीत चुका है, लेकिन उन्होंने प्रभावित गांवों का दौरा करना तो दूर, लोगों से बातचीत तक जरूरी नहीं समझी। ग्रामीणों का कहना है कि बेहतर होता यदि वे साफ छवि दिखाने के लिए खुद सामने आते और प्रभावितों का दुखड़ा सुनते।
ग्राम पंचायत फूलपुर-शमशेरगढ़-शिवपुर के किसानों और महिलाओं ने शिव मंदिर डोरियोंवाला, गांव और बांगरण-शमशेरगढ़ की सिंचाई योजना के पास चल रहे स्टोन क्रशर से हो रहे नुकसान को लेकर विरोध तेज कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्रीन वैली क्षेत्र में स्थापित क्रशर न तो पर्यावरणीय मानकों का पालन कर रहा है और न ही गिरि नदी तट एवं सिंचाई स्कीमों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम उठाए गए हैं। आरोप है कि अवैध खनन से खेत, पेड़-पौधे, पानी के स्रोत और सड़कें लगातार प्रभावित हो रही हैं, जबकि अब तक एक पौधा तक नहीं लगाया गया।
उधर, एसडीएम पांवटा गुंजीत सिंह चीमा ने भी मौके का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों, खेतों, सिंचाई स्कीमों और सड़कों को हुए नुकसान को देखते हुए जब तक उचित निर्णय नहीं आता, तब तक न क्रशर चलेगा और न ही गिरि नदी में खनन होगा। उन्होंने किसानों से भी अपील की कि अपने ट्रैक्टर और मशीनरी को ऐसे अवैध कार्यों में शामिल न करें।
प्रशासनिक स्तर पर मिले इस आश्वासन से ग्रामीणों को कुछ राहत जरूर मिली है, लेकिन उनका कहना है कि यदि नियमों का पालन नहीं हुआ तो वे सख्त आंदोलन की राह पर उतरने को तैयार हैं।