महाराष्ट्र का सियासी संकट : देवेंद्र फडणवीस की ताजपोशी की तैयारी
महाराष्ट्र का सियासी संकट : देवेंद्र फडणवीस की ताजपोशी की तैयारी, उद्धव ठाकरे को साबित करना होगा बहुमत
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शिवसेना के सूत्रों ने कहा कि राजभवन से बहुमत साबित करने का आदेश जारी होने के बाद पार्टी इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है और पहले 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला होने की मांग उठा सकती है। वरिष्ठ अधिवक्ता उज्ज्वल निकम के मुताबिक, शिवसेना के शिंदे गुट ने खुद समर्थन वापसी का पत्र नहीं दिया है, बल्कि निर्दलीय विधायकों के जरिये सरकार के अल्पमत में होने का दावा किया है।
महाराष्ट्र में शिवसेना विधायकों की बगावत से अल्पमत में आई उद्धव ठाकरे सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार रात राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को सरकार के अल्पमत में आने की चिट्ठी सौंपी। सूत्र बताते हैं, राजभवन 30 जून को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर बहुमत साबित करने का निर्देश दे सकता है। फडणवीस की अगुवाई में संभवत: इसी सप्ताह भाजपा सरकार बन सकती है।
राज्यपाल से मिलने के बाद फडणवीस ने कहा, महाविकास आघाड़ी सरकार शिवसेना के 39 विधायकों की बगावत के बाद अल्पमत में है। हमने राज्यपाल से सरकार को बहुमत साबित करने का निर्देश देने की मांग की है। गुवाहाटी में शिंदे खेमे में मौजूद आठ निर्दलीय विधायकों ने भी राज्यपाल को ईमेल भेजकर विधानसभा में शक्ति परीक्षण की मांग की।
इससे पहले, फडणवीस ने मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। भाजपा की पहले रणनीति थी कि बहुमत-परीक्षण से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराया जाए। लेकिन, मुलाकात के बाद तय हुआ कि भाजपा मंगलवार को ही कोश्यारी को चिट्ठी सौंप दे।
बताया जा रहा है कि भाजपा और शिंदे गुट के बीच सरकार गठन का फाॅर्मूला तय हो चुका है। संख्याबल को देखते हुए माना जा रहा है कि सीएम ठाकरे बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे। भाजपा ने सभी विधायकों को 29 जून तक मुंबई पहुंचने के लिए कहा है। बागी गुट के विधायक भी बृहस्पतिवार तक मुंबई लौट सकते हैं।
जेठमलानी दे रहे हैं कानूनी सलाह
देवेंद्र फडणवीस के मंगलवार को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह व भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के दौरान वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी भी मौजूद थे। शिंदे गुट के समर्थन से सरकार बनाने से जुडे़ सभी कानूनी पहलुओं पर भाजपा जेठमलानी से राय ले रही है।
उद्धव, आदित्य व राउत के खिलाफ याचिका
पुणे के सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत पाटिल ने बॉम्बे हाईकोर्ट में उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और संजय राउत के खिलाफ सार्वजनिक शांति भंग करने और राजद्रोह के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग लेकर जनहित याचिका दायर की है।
शिवसेना के सूत्रों ने कहा कि राजभवन से बहुमत साबित करने का आदेश जारी होने के बाद पार्टी इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है और पहले 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला होने की मांग उठा सकती है। वरिष्ठ अधिवक्ता उज्ज्वल निकम के मुताबिक, शिवसेना के शिंदे गुट ने खुद समर्थन वापसी का पत्र नहीं दिया है, बल्कि निर्दलीय विधायकों के जरिये सरकार के अल्पमत में होने का दावा किया है। साथ ही, भाजपा ने भी पहल की है। ऐसे में अब राज्यपाल को सरकार को बहुमत साबित करने का निर्देश देना होगा। उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट जा सकता है, लेकिन शीर्ष अदालत शायद फ्लोर टेस्ट में हस्तक्षेप न करे।