CM Jairam Thakur: एसटी दायरे से बाहर रहेगी गिरिपार क्षेत्र की अनुसूचित जाति
CM Jairam Thakur: एसटी दायरे से बाहर रहेगी गिरिपार क्षेत्र की अनुसूचित जाति
![](https://newsdeshadesh.com/wp-content/uploads/2024/05/IMG-20240531-WA0000.jpg
)
पांवटा में 18 पंचायतों के 31 गांवों के 25,323 लोग शामिल होंगे। जबकि एससी के 9,406 लोग एसटी के दायरे से रहेंगे बाहर
देशआदेश
सीएम ने बताया कि एसटी दर्जे से सिरमौर जिले की 154 पंचायतें और 389 गांव कवर होंगे। इससे 1,59,716 लोग लाभान्वित होंगे, जबकि जिले के एससी के 90,446 लोग एसटी के दायरे में नहीं आएंगे।
सिरमौर जिला के गिरिपार क्षेत्र के अनुसूचित जाति (एससी) के लोगों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा नहीं दिया जा रहा है। उनकी भावनाओं की कद्र करते हुए ऐसा किया गया है। इस वर्ग के लोग इसके पक्ष में नहीं थे। एसटी में हाटी समुदाय के अन्य सभी लोग शामिल होंगे। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वीरवार को राज्य सचिवालय के आर्म्सडेल भवन के सभागार में पत्रकार वार्ता में कही।
सीएम ने बताया कि एसटी दर्जे से सिरमौर जिले की 154 पंचायतें और 389 गांव कवर होंगे। इससे 1,59,716 लोग लाभान्वित होंगे, जबकि जिले के एससी के 90,446 लोग एसटी के दायरे में नहीं आएंगे। सीएम ने कहा कि एसटी क्षेत्र घोषित करने की बात बाद में आगे बढ़ाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में डोडरा-क्वार, चौपाल और बड़ा भंगाल के लोगों से मिले प्रस्तावों पर भी मंत्रणा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फैसले से पच्छाद की 33 पंचायतों और एक नगर पंचायत के 141 गांवों के कुल 27,261 लोगों को लाभ होगा।
यहां एससी के 21,594 लोग एसटी में नहीं होंगे। रेणुकाजी में 44 पंचायतों के 122 गांवों के 40,317 संबंधित लोगों को लाभ होगा। यहां एससी के 29,990 लोग बाहर होंगे।
शिलाई विधानसभा क्षेत्र में 58 पंचायतों के 95 गांवों के 66,775 लोग इसमें शामिल होंगे। 30,450 एससी के लोग इससे बाहर रहेेंगे। शिलाई में 58 पंचायतों के 95 गांवों के 66,775 लोगों को यह लाभ मिलेगा। एससी के 30,450 लोग यहां एसटी में नहीं होंगे।
पांवटा में 18 पंचायतों के 31 गांवों के 25,323 लोग शामिल होंगे। यहां एससी के 9,406 लोग एसटी के दायरे से बाहर रहेंगे।
चुनाव के दौरान कई भ्रम जान-बूझकर खड़े किए जा रहे, हमारी मंशा सेवा की : सीएम
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि चुनाव के दौरान कई भ्रम जान-बूझकर खड़े किए जा रहे हैं, जबकि सरकार की मंशा सेवा करने की रही है। सीएम ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकारों ने इस बारे में कभी भी गंभीरता नहीं दिखाई। मई 2005 में भी प्रदेश सरकार ने प्रस्ताव भेजा, मगर उसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व की सरकार ने फिर प्रयास किए।
4 अगस्त 2018 को उन्होंने खुद केंद्रीय गृह मंत्री से निवेदन किया। चार दिन पहले भी उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से बात की कि यह बुधवार की कैबिनेट में जाना चाहिए। इसके बाद यह मामला चला भी गया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नड्डा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, अनुराग ठाकुर आदि का इसके लिए आभार जताया।