उच्च न्यायालय: दस दिन में जवाब दे बिजली बोर्ड
दस दिन में जवाब दे बिजली बोर्ड :उच्च न्यायालय
अधिकारियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप पर मांगा स्पष्टीकरण, हाई कोर्ट ने जारी किए आदेश
एक ही कार्य के लिए
किन्नौर में 212 रुपए, सोलन में 441 तो
सिरमौर में 2360 रुपए
पूर्व विद्युत मंत्री के आएसडी रह
पूर्व चीफ इंजीनियर एसएन उप्रेती ने निजी तौर पर मेसर्ज कौशल इलेक्ट्रिकल्ज को फायदा पहुंचाने के लिए किया
शिमला
बिजली बोर्ड के अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार में
होकर लिप्त विभिन्न ठेकेदारों
और निजी प्रतिष्ठानों को काम देने
से जुड़े मामले में प्रदेश हाई कोर्ट ने
बिजली बोर्ड से 10 दिनों के भीतर
स्पष्टीकरण देने के आदेश जारी
किए। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद
और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल
दुआ की खंडपीठ ने पांवटा साहिब
जिला सिरमौर निवासी चत्तर सिंह
द्वारा जनहित में दायर याचिका की
सुनवाई के पश्चात ये आदेश जारी
के लिए भारी भरकम मजदूरी
आपराधिक मामला दर्ज करने की गुहार वसूल रहे हैं।
प्रार्थी का कहना है
कि उसे खुद बिजली बोर्ड से
रिटायर होने के नाते बिजली बोर्ड
के आला अधिकारियों की
कारगुजारी से वाकिफ हैं। याचिका
में आरोप है कि बिजली बोर्ड ने 12
मार्च, 2018 को नए मीटर लगाने
और खराब हो चुके नए मीटरों को
बदलने के लिए जो टैंडर आवंटित
किए थे, उसके अनुसार एक मीटर
को बदलने की मजदूरी 2360 रुपए
एक फर्म को दी जा रही है और
उसे फेज 1 के 5200 मीटर और
फेज 3 के 546 मीटर बदलने का
कार्य सौंपा गया है। इसके लिए
ठेका लगभग 1 करोड़ 27 लाख
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प्राथी ने याचिका में आरोप लगाया है कि पूर्व विद्युत मंत्री के आएसडी रह
पूर्व चीफ इंजीनियर एसएन उप्रेती ने निजी तौर पर मेसर्ज कौशल इलेक्ट्रिकल्ज को फायदा पहुंचाने के लिए सिरमौर जिले में इतनी बड़ी राशि केवल मजदूरी की एवज में अदा करने का यह ठेका दिलवाया था।
प्रार्थी ने 2008 से लेकर अब तक के ऐसे ही करोड़ों रुपए के घोटाले बताते हुए मांग की है की राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच करवाई जाए।
प्रार्थी ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने और दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने की गुहार भी लगाई है।
प्रार्थों ने आरोप लगाया है
कि बिजली बोर्ड के कर्ताधर्ता
अधिकारियों ने चुनिंदा निजी
प्रतिष्ठानों को नए मीटर लगाने और
खराब हो चुके नए मीटरों को
बदलने का काम देकर भारी मात्रा
में राजस्व को नुकसान पहुंचाया है
क्योंकि ये चुनिंदा ठेकेदार इस कार्य
प्रार्थी ने निजी प्रतिष्ठानों में
नए मीटर लगाने और बदलने
पर राजस्व को बताया नुकसान
रुपए का दिया गया है।
यह मजदूरी
किन्नौर जिले की बनिस्पत जिला
सिरमौर में 200 गुणा तक दी जा
रही है। एक ही कार्य के लिए
किन्नौर में 212 रुपए, जबकि
सिरमौर में 2360 रुपए दिए जा रहे
हैं, जिससे उच्च अधिकारियों की
मिलीभगत और भ्रष्टाचार का साफ
पता चल रहा है।
इसी तरह सोलन
जिला में इसी काम के लिए
मजदूरी 441 रुपए प्रति मीटर
विभिन्न फर्मों को दिए जा रहे हैं।